Durga Stuti | Skandamata Mantra (Panchami) | Day Five Mantra of Navratri(Devi stotra.123)
http://youtu.be/V7EzxPz7_dM
Skanda Mata
Fifth name of Durga is "Skanda Mata". The daughter of Himalaya, after observing penance got married with Shiva. She had a son named "Skanda (Kartikeya), a leader of the army of Gods. Skanda Mata is a deity of fire. Skanda is seated in her lap. She has three eyes and four hands. She is white and seated on a lotus Two hands hold lotuses while the other 2 hands respectively display defending and granting gestures.
Sinhasangata Nityam Padmashritkardwaya
Shubhdastu Sada Devi Skandmata Yashasvini
सिंहासना गता नित्यं
पद्माश्रि तकरद्वया।
शुभदास्तु सदा देवी स्कंदमाता यशस्विनी ।।
या देवी सर्वभूतेषु मां स्कंदमाता रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
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नवरात्र का पांचवा दिन मां स्कंदमाता के नाम होता है। मां के हर रूप
की तरह यह रूप भी बेहद सरस और मोहक है। स्कंदमाता अपने भक्त को मोक्ष
प्रदान करती है। चाहे जितना भी बड़ा पापी क्यों ना हो अगर वह मां के शरण
में पहुंचता है तो मां उसे भी अपने प्रेम के आंचल से ढ़क लेती है।
या देवी सर्वभूतेषु माँ स्कंदमाता रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
मां अपने भक्त के सारे दोष और पाप को दूर कर देती है। तीनो लोक के स्वामी
भगवान शिव और मां पार्वती के पुत्र कार्तिक को भगवान स्कंद भी कहा जाता है।
इसलिए भगवान स्कंद की माता होने के कारण माँ दुर्गाजी के इस स्वरूप को
स्कंदमाता के नाम से जाना जाता है।
स्कंदमाता की चार भुजाएँ हैं। इनके दाहिनी तरफ की नीचे वाली भुजा, जो ऊपर
की ओर उठी हुई है, उसमें कमल पुष्प है। बाईं तरफ की ऊपर वाली भुजा में
वरमुद्रा में तथा नीचे वाली भुजा जो ऊपर की ओर उठी है उसमें भी कमल पुष्प
ली हुई हैं। इनका वर्ण पूर्णतः शुभ्र है। ये कमल के आसन पर विराजमान रहती
हैं। इसी कारण इन्हें पद्मासना देवी भी कहा जाता है। सिंह भी इनका वाहन है।
स्कंद माता को पार्वती एवं उमा के नाम से भी जाना जाता है।
जय जय स्कन्द माता की।
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