Durga Stuti | Shailputri Mantra (Pratipada) |(Devi stotra.119)
http://youtu.be/K30GcBZeSBk
nbsp;Day One Mantra of
Maa Durga the supreme goddess and embodiment of feminine and creative
energy. She is worshiped in nine different forms and together is known
as Nav Durga. She is the Divine Mother who protects the Universe. Shailputri
She is daughter of the Himalayas and first among nine Durgas. In previous birth she was the daughter of Daksha and her name was Sati - Bhavani. (Wife of Lord Shiva). Once Daksha had organized a big Yagna and did not invite Shiva. On reaching the Yagna, Sati could not tolerate the insult of her husband and burnt herself in the fire of Yagna. In another birth she became the daughter of Himalaya in the name of Parvati - Hemvati and got married with Shiva. Navratri commences with the 1st night devoted to the puja of Mata Shailputri. HER two hands, display a trident and a lotus and she is mounted upon a bull.
Mantra
वन्दे वांछित लाभाय चन्द्रार्द्वकृतशेखराम्।
वृषारूढ़ा शूलधरां यशस्विनीम्॥
Vande Vanchhitalabhay Chandrardhakritshekharam
Vrisharudham Shooldharam Shailputreem Yashasvineem
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Navratri Day 1
Pratipada
: नवरात्रों की शुरुआत माँ दुर्गा के प्रथम रूप "माँ शैलपुत्री" की उपासना के साथ होतीहै। शैलराज हिमालय की पुत्री के रूप में जन्मी माँ दुर्गा के इस रूप का नाम शैलपुत्री है।
मां शैलपुत्री का स्वरूप: पार्वती और हेमवती इन्हीं के नाम हैं। माँ का वाहन वृषभ है और इनके दाएँ हाथ में त्रिशूल और बाएँ हाथ में कमल का फूल है।
माँ शैलपुत्री का मंत्र : माँ शैलपुत्री की पूजा इस मंत्र के उच्चारण से की जानी चाहिए-
वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्।
वृषारुढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥
पूजा में उपयोगी वस्तु: मां भगवती की विशेष कृपा प्राप्ति हेतु षोडशोपचार पूजन के बाद नियमानुसार प्रतिपदा तिथि को नैवेद्य के रूप में गाय का घृत मां को अर्पित करना चाहिए और फिर वह घृत ब्राह्मण को दे देना चाहिए।
पूजा फल: मान्यता है कि माता शैलपुत्री की भक्तिपूर्वक पूजा करने से मनुष्य कभी रोगी नहीं होता।
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नवरात्रि पर्व की हार्दिक हार्दिक बधाई एवं शुभकामनायें.
मातारानी आपकी सभी
मनोकामनाएं पूर्ण करें.
जय माता दी
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