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Wednesday, February 22, 2017

Durga Stuti | Siddhidatri Mantra (Navami) | Day Nine Mantra of Navratri(Devi stotra .127)

Durga Stuti | Siddhidatri Mantra (Navami) | Day Nine Mantra of Navratri(Devi stotra .127)

 http://youtu.be/7-hiPZYI22c


 

Navratri Day 9


Ghatasthapana Grass eacock
Siddhidatri
Ninth Durga is Siddhidatri. Siddhidatri Maa Kamla is symbol of wealth and worldly happiness. Mother Siddhidatri is capable of rendering all forms of successes to her devotees. According to the Puranas, Lord Shiva achieved salvation by the grace of this deity.
The deity is seen sometimes sitting on a lotus and sometimes mounted on a lion. She is four armed. The lower right hand of the Goddess holds a disc and the upper right hand holds a lotus. The lower left hand holds a conch shell and the upper hand holds a Gada.
She is worshipped on the ninth day of the Durga puja. She is the ultimate form of the Maa among the Navdurga. After worshipping all other aspects of Devi, NavRatri Pooja is culminated by praying to Devi Siddhidatri.


Siddhigandharva Yakshadhyayha Surayaha Amaraya Api
Sevyamanasada Bhooyat Siddhidha Siddhi Dayani
देवीसिद्धिदात्रि
 सिद्धगन्धर्वयक्षाद्यैरसुरैरमरै
रपि ।
सेव्यमाना सदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी ॥
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या देवी सर्वभू‍तेषु माँ सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:। दुर्गा का नवम रूप सिद्धिदात्री है। जिसे नारायणी या शतावरी कहते हैं। शतावरी बुद्धि बल एवं वीर्य के लिए उत्तम औषधि है। रक्त विकार एवं वात पित्त शोध नाशक है। हृदय को बल देने वाली महाऔषधि है। ये सभी प्रकार की सिद्धियों को देने वाली हैं। नवरात्र-पूजन के नौवें दिन इनकी उपासना की जाती है। इस दिन शास्त्रीय विधि-विधान और पूर्ण निष्ठा के साथ साधना करने वाले साधक को सभी सिद्धियों की प्राप्ति हो जाती है। नवदुर्गाओं में माँ सिद्धिदात्री अंतिम हैं। अन्य आठ दुर्गाओं की पूजा उपासना शास्त्रीय विधि-विधान के अनुसार करते हुए भक्त दुर्गा पूजा के नौवें दिन इनकी उपासना में प्रवत्त होते हैं। इन सिद्धिदात्री माँ की उपासना पूर्ण कर लेने के बाद भक्तों और साधकों की लौकिक, पारलौकिक सभी प्रकार की कामनाओं की पूर्ति हो जाती है। सिद्धिदात्री का जो मनुष्य नियमपूर्वक सेवन करता है। उसके सभी कष्ट स्वयं ही दूर हो जाते हैं। इससे पीड़ित व्यक्ति को सिद्धिदात्री देवी की आराधना करना चाहिए। इस दिन भगवान राम का जन्‍म हुआ था, इसलिए हम आज के दिन को राम नवमी के पर्व के रूप में भी मनाते हैं। इस दिन भगवान राम व उनके अवतारों की पूजा की जाती है।



रचन: वाग्देवी
गणेशःहरिद्राभञ्चतुर्वादु हारिद्रवसनंविभुम् ।
पाशाङ्कुशधरं दैवंमोदकन्दन्तमेव च ॥
देवी शैलपुत्रीवन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखरां।
वृषारूढां शूलधरां शैलपुत्री यशस्विनीम् ॥
देवी ब्रह्मचारिणीदधाना करपद्माभ्यामक्षमाला कमण्डलू ।
देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा ॥
देवी चन्द्रघण्टेतिपिण्डजप्रवरारूढा चन्दकोपास्त्रकैर्युता ।
प्रसादं तनुते मह्यं चन्द्रघण्टेति विश्रुता ॥
देवी कूष्माण्डासुरासम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च ।
दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे ॥
देवीस्कन्दमातासिंहासनगता नित्यं पद्माश्रितकरद्वया ।
शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी ॥
देवीकात्यायणीचन्द्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहना ।
कात्यायनी शुभं दद्यादेवी दानवघातिनी ॥
देवीकालरात्रिएकवेणी जपाकर्णपूर नग्ना खरास्थिता ।
लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्तशरीरिणी ॥ वामपादोल्लसल्लोहलताकण्टकभूषणा ।
वर्धनमूर्ध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयङ्करी ॥
देवीमहागौरीश्वेते वृषे समारूढा श्वेताम्बरधरा शुचिः ।
महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा ॥
देवीसिद्धिदात्रिसिद्धगन्धर्वयक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि ।
सेव्यमाना सदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी ॥

Navratri Day 10


Ghatasthapana Grass Ghatasthapana Kalash

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Durga Visarjan is done at an appropriate time either during Aparahna (अपराह्ण) time or Pratahkala (प्रात:काल) while Dashami Tithi is prevailing. In most of the years Visarjan Muhurat falls during morning time but if both Shravana Nakshatra and Dashami Tithi prevail during Aparahna together then Aparahna Muhurat is given preference over morning Muhurat.

Many people break nine days Navratri fasting after Durga Visarjan. Hence Durga Visarjan timing can also be used for Navratri Parana.

Shardiya Navratri is the most popular and significant Navratri of all Navratris. That’s why Shardiya Navratri is also known as Maha Navratri.

It falls in lunar month Ashwin during Sharad Ritu. The name Shardiya Navratri has been taken from Sharad Ritu. All nine days during Navratri are dedicated to nine forms of Goddess Shakti. Shardiya Navratri falls in the month of September or October. The nine days festivity culminates on tenth day with Dussehra or Vijaya Dashami.

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