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Wednesday, February 22, 2017

Durga Stuti | Katyayani Mantra (sasti) | Day Six Mantra of Navratri(Devi stotra.124)

Durga Stuti | Katyayani Mantra (sasti) | Day Six Mantra of Navratri(Devi stotra.124)

 https://youtu.be/E6IJm7eaMeg

 

 

Navratri Day 6



Katyayani
The sixth aspect of Devi is Katyayani. She is worshipped on 6th day of Navratri. Devi took human form and was born to sage Katyayan, hence she was named as Katyayani is She is also astride a lion with 3 eyes and 4 arms. One left hand holds a weapon and the other a lotus. The other 2 hands respectively display defending and granting gestures. Her complexion is golden colored. Katyayani is the creative force of nature.

Chandrahasojjwalkara Shardoolvaravahana
Katyayani Shubham Dadyad Devi Danavaghatini

चन्द्रहासोज्जवलकरा शाईलवरवाहना।
कात्यायनी शुभं दद्याद्देवी दानवघातिनी।।
या देवी सर्वभू‍तेषु माँ कात्यायनी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

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saptami puja in pitha

नवरात्र का छठां दिन मां कात्यायनी के नाम होता है। जो कि अपने भक्त की हर मुराद पुरी करती हैं। साधक कहते हैं कि सच्चे दिल से मांगी गयी हर आरजू मां के दरबार में पूरी हो जाती है। क्यों कहते हैं कात्यायनी माँ का नाम कात्यायनी कैसे पड़ा इसकी भी एक कथा है- कत नामक एक प्रसिद्ध महर्षि थे। उनके पुत्र ऋषि कात्य हुए। इन्हीं कात्य के गोत्र में विश्वप्रसिद्ध महर्षि कात्यायन उत्पन्न हुए थे। इन्होंने भगवती की उपासना करते हुए बहुत वर्षों तक बड़ी कठिन तपस्या की थी। उनकी इच्छा थी माँ भगवती उनके घर पुत्री के रूप में जन्म लें। माँ भगवती ने उनकी यह प्रार्थना स्वीकार कर ली। जिसके बाद से मां का नाम कात्यायनी पड़ा। कहते हैं मां अपने भक्तों को कभी भी निराश नहीं करती हैं। मां का यह रूप बेहद सरस, सौम्य और मोहक है। नवरात्र के दिनों में मां की सच्चे मन से पूजा की जानी चाहिए। लोग घट स्थापित करके मां की उपासना करते हैं जिसे खुश होकर मां कभी भी अपने बच्चों को निराश नहीं करती है।

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