दीवाली पूजा विधिDiwali Puja Vidhi in Hindi (Kartick puja.8)
https://youtu.be/Jl17qEYhKMY
दीवाली हिन्दूओं के मुख्य त्यौहारों में एक है।
पूजाक साम्रगी: इस दिन लक्ष्मी जी की पूजा में दीपक, कमल के फूल, जावित्री, लड्डू आदि को अवश्य शामिल करना चाहिए। नारदपुराण के अनुसार कमल के फूल तो माता लक्ष्मी को अतिप्रिय होते हैं। पूजा करने के लिए उत्तर या पूर्व दिशा में मुख करना चाहिए।
पूजा विधि (Laxmi Puja Vidhi on Diwali): स्कंद पुराण के अनुसार कार्तिक अमावस्या के दिन प्रात: काल स्नान आदि से निवृत होकर सभी देवताओं की पूजा करनी चाहिए। इस दिन संभव हो तो दिन में भोजन नहीं करना चाहिए। इसके बाद प्रदोष काल में माता लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए। माता की स्तुति और पूजा के बाद दीप दान करना चाहिए।
लक्ष्मी मंत्र (Laxmi Mantra in Hindi): लक्ष्मी जी की पूजा के समय निम्न मंत्र का लगातार उच्चारण करते रहें:
ऊं श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नम: ॥
-=पूजाक साम्रगी: इस दिन लक्ष्मी जी की पूजा में दीपक, कमल के फूल, जावित्री, लड्डू आदि को अवश्य शामिल करना चाहिए। नारदपुराण के अनुसार कमल के फूल तो माता लक्ष्मी को अतिप्रिय होते हैं। पूजा करने के लिए उत्तर या पूर्व दिशा में मुख करना चाहिए।
पूजा विधि (Laxmi Puja Vidhi on Diwali): स्कंद पुराण के अनुसार कार्तिक अमावस्या के दिन प्रात: काल स्नान आदि से निवृत होकर सभी देवताओं की पूजा करनी चाहिए। इस दिन संभव हो तो दिन में भोजन नहीं करना चाहिए। इसके बाद प्रदोष काल में माता लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए। माता की स्तुति और पूजा के बाद दीप दान करना चाहिए।
लक्ष्मी मंत्र (Laxmi Mantra in Hindi): लक्ष्मी जी की पूजा के समय निम्न मंत्र का लगातार उच्चारण करते रहें:
ऊं श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नम: ॥
देवी लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने के कुछ आसान मंत्र निम्न हैं:
लक्ष्मी जी के मंत्र (Laxmi Mata Mantra in Hindi)
मां लक्ष्मी की पूजा के दौरान इस मंत्र के द्वारा उन्हें रक्तचन्दन समर्पण करना चाहिए-
रक्तचन्दनसम्मिश्रं पारिजातसमुद्भवम् |
मया दत्तं महालक्ष्मि चन्दनं प्रतिगृह्यताम् ||
ॐ महालक्ष्म्यै नमः रक्तचन्दनं समर्पयामि |
Maa Lakshmi ki pooja ke dauran is mantra ke dwara unhe raktchandan samarpan karna chahiye-
Raktchandanasammishram Paarijaatasamudbhavam |
Mayaa Dattam Mahalakshmi Chandanam Pratigrihyataam ||
Om Mahalakshmyai Namah Raktchandanam Samarpayaami |
****************************** ****************************** **********************
मां लक्ष्मी की पूजा के दौरान इस मंत्र के द्वारा उन्हें दुर्वा समर्पण करना चाहिए-
क्षीरसागरसम्भते दूर्वां स्वीकुरू सर्वदा ||
ॐ महालक्ष्म्यै नमः दूर्वां समर्पयामि |
Maa Lakshmi ki pooja ke dauran is mantra ke dwara unhe durva samarpan karna chahiye-
Vishnvaadisarvadevaanaam Priyaam Sarvsushobhanaam |
Ksheersaagarasambhate Doorvaam Sveekuroo Sarvadaa ||
Om Mahalakshmyai Namah Doorvaam Samarpayaami |
****************************** ****************************** **************
इस मंत्र के द्वारा मां लक्ष्मी को अक्षत समर्पण करना चाहिए-
अक्षताश्च सुरश्रेष्ठ कुंकुमाक्ताः सुशोभिताः |
मया निवेदिता भक्त्या गृहाण परमेश्वरि ||
ॐ महलक्ष्म्यै नमः | अक्षतान समर्पयामि ||
Is mantra ke dwara Maa Lakshmi ko akshat samarpan karna chahiye-
Akshataashch Surshreshth Kunkumaaktaah Sushobhitaah |
Mayaa Niveditaa Bhaktyaa Grihaan Parmeshvari ||
Om Mahalakshmyai Namah | Akshtaan Samarpayaami ||
****************************** ****************************** **************
इस मंत्र के द्वारा मां लक्ष्मी को पुष्प माला समर्पण करना चाहिए-
माल्यादीनि सुगन्धीनि मालत्यादीनि वै प्रभो |
ॐ मनसः काममाकूतिं वाचः सत्यमशीमहि |
ॐ महालक्ष्म्यै नमः | पुष्पमालां समर्पयामि ||
Is mantra ke dwara Maa Lakshmi ko pushp mala samarpan karna chahiye-
Maalyaadeeni Sugandheeni Maalatyaadeeni Vai Prabho |
Om Manasah Kaamamaakootim Vaachah Satyamasheemahi |
Pashoonaam Roopmannasya Mayi Shrih Shrayataam Yashah ||
Om Mahalakshmyai Namah | Pushpmalaam Samarpayaami |
****************************** ****************************** ****************************** *
इस मंत्र के द्वारा मां लक्ष्मी को आभूषण समर्पण करना चाहिए-
रत्नकंकणवैदूर्यमुक्ताहाअरादिका नि च |
सुप्रसन्नेन मनसा दत्तानि स्वीकुरूष्व भोः || ॐ
क्षुत्पिपासामलां ज्येष्ठामलक्ष्मीं नाशयाम्यहम् |
अभूतिमसमृद्धि च सर्वां न
Is mantra ke dwara Maa Lakshmi ko aabhushan samarpan karna chahiye-
Ratnkankanavaidooryamuktaahaaa raadikani Ch |
Suprasannen Manasaa Dattani Sveekurooshva Bhoh ||
Om Kshutpipaasaamalaam Jyeshthaamalakshmeem Naashayaamyaham |
Abhootimasamriddhi Ch Sarvaam Nirgud Me Grihaat ||
Om Mahalakshmyai Namah | Aabhushan Samarpayaami |
****************************** ****************************** ********************
इस मंत्र के द्वारा माता लक्ष्मी को वस्त्र समर्पण करना चाहिए-
दिव्याम्बरं नूतनं हि क्षौमं त्वतिमनोहरम् | दीयमानं मया देवि गृहाण जगदम्बिके ||
ॐ उपैतु मां देवसुखः कीर्तिश्च मणिना सह | प्रादुर्भूतोस्मि राष्ट्रेस्मिन कीर्तिमृद्धि ददातु मे ||<
Is mantra ke dwara Mata Lakshmi ko vastra samarpan karna chahiye-
Divyaambaram Nootanam Hi Kshaumam Tvatimanoharam |
Deeyamaanam Mayaa Devi Grihaan Jagadambike ||
Om Upaitu Maa Devsukhah Keertishcha Maninaa Sah |
Praadurbhootosmi Raashtresmin Keertimriddhi Dadaatu Me ||
Om Mahalakshmyai Namah Vastram Samarpayaami |
****************************** ****************************** **************
इस मंत्र के द्वारा मां लक्ष्मी को स्नान हेतु घी अर्पित करना चाहिए-
ॐ घृतं घृतपावानः पिबत वसां वसापावानः पिबतान्तरिक्षस्य हविरसि स्वाहा |
दिशः प्रदिश आदिशो विदिश उद्धिशो दिग्भ्यः स्वाहा || ॐ महालक्ष्म्यै नमः घृतस्नानं समर्पयामि |
Is mantra ke dwara Maa Lakshmi ko snaan hetu ghee arpit karna chahiye-
Om Ghritam Ghritapaavaanah Pibat Vasaam Vasaapaavaanah Pibataantarikshasya Havirasi Svaahaa |
Dishah Pradish Aadisho Vidish Uddhisho Digbhyah Svaahaa ||
Om Mahalakshmyai Namah Ghritsnaanam Samarpayaami |
****************************** ****************************** ************
मां लक्ष्मी की पूजा में इस मंत्र के द्वारा उन्हें जल समर्पण करना चाहिए-
मन्दाकिन्याः समानीतैर्हेमाम्भोरूहवासितैः | स्नानं कुरूष्व देवेशि सलिलैश्च सुगन्धिभिः ||
ॐ महालक्ष्म्यै नमः स्नानं समर्पयामि |
Maa Lakshmi ki pooja me is mantra ke dwara unhen jal samarpan karna chahiye-
Mandaakinyaah Samaaneetairhemaambhoruhavaasi taih |
Snaanam Kurushva Deveshi Salilaishcha Sugandhibhih ||
Om Mahalakshmyai Namah Snaanam Samarpayaami |
****************************** ****************************** ************
इस मंत्र के द्वारा मां लक्ष्मी को आसन समर्पण करना चाहिए-
तप्तकाश्चनवर्णाभं मुक्तामणिविराजितम् | अमलं कमलं दिव्यमासनं प्रतिगृह्यताम् ||
ॐ अश्वपूर्वां रथमध्यां हस्तिनादप्रमोदिनीम् | श्रियं देवीमुपह्वये श्रीर्मा देवी जुषताम् ||
ॐ
Is mantra ke dwara Maa Lakshmi ko aasan samarpan karna chahiye-
Taptkaashchanavanaarbham Muktaamaniviraajitam |
Amalam Kamalam Divyamaasanam Pratigrihyataam ||
Om Ashvapurvaam Rathmadhyaam Hastinaadapramodineem |
Shriyam Deveemupahvaye Shrirmaa Devee Jushataam ||
Om Mahalakshmyai Namah | Aasanam Samarpayaami |
****************************** ****************************** **************
इस मंत्र के द्वारा मां लक्ष्मी का आवाहन करना चाहिए-
सर्वलोकस्य जननीं सर्वसौख्यप्रदायिनीम |
सर्वदेवमयीमीशां देवीमावाहयाम्यहम् ||
ॐ तां म आवह जातवेदो लक्ष्मीमनपगामिनीम् | यस्यां हिरण्यं विन्देयं गामश्वं पुरुषानहम् ||
Is mantra ke dwara Maa Lakshmi ka aavahan karna chahiye-
Sarvlokasya Jananeem Sarvsaukhyapradaayineem |
Sarvdevmayeemeeshaam Deveemaavaahayaamyaham ||
Om Taam Ma Aavah Jaatavedo Lakshmeemanapagaamineem |
Yasyaam Hiranyam Vindeyam Gaamashvam Purushaanaham ||
Om Mahalakshmyai Namah | Mahalaksheemaavaahayaami, Aavahanaarthe Pushpaani Samarpayaami |
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लक्ष्मी जी के मंत्र (Laxmi Mata Mantra in Hindi)
मां लक्ष्मी की पूजा के दौरान इस मंत्र के द्वारा उन्हें रक्तचन्दन समर्पण करना चाहिए-
रक्तचन्दनसम्मिश्रं पारिजातसमुद्भवम् |
मया दत्तं महालक्ष्मि चन्दनं प्रतिगृह्यताम् ||
ॐ महालक्ष्म्यै नमः रक्तचन्दनं समर्पयामि |
Maa Lakshmi ki pooja ke dauran is mantra ke dwara unhe raktchandan samarpan karna chahiye-
Raktchandanasammishram Paarijaatasamudbhavam |
Mayaa Dattam Mahalakshmi Chandanam Pratigrihyataam ||
Om Mahalakshmyai Namah Raktchandanam Samarpayaami |
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मां लक्ष्मी की पूजा के दौरान इस मंत्र के द्वारा उन्हें दुर्वा समर्पण करना चाहिए-
क्षीरसागरसम्भते दूर्वां स्वीकुरू सर्वदा ||
ॐ महालक्ष्म्यै नमः दूर्वां समर्पयामि |
Maa Lakshmi ki pooja ke dauran is mantra ke dwara unhe durva samarpan karna chahiye-
Vishnvaadisarvadevaanaam Priyaam Sarvsushobhanaam |
Ksheersaagarasambhate Doorvaam Sveekuroo Sarvadaa ||
Om Mahalakshmyai Namah Doorvaam Samarpayaami |
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इस मंत्र के द्वारा मां लक्ष्मी को अक्षत समर्पण करना चाहिए-
अक्षताश्च सुरश्रेष्ठ कुंकुमाक्ताः सुशोभिताः |
मया निवेदिता भक्त्या गृहाण परमेश्वरि ||
ॐ महलक्ष्म्यै नमः | अक्षतान समर्पयामि ||
Is mantra ke dwara Maa Lakshmi ko akshat samarpan karna chahiye-
Akshataashch Surshreshth Kunkumaaktaah Sushobhitaah |
Mayaa Niveditaa Bhaktyaa Grihaan Parmeshvari ||
Om Mahalakshmyai Namah | Akshtaan Samarpayaami ||
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इस मंत्र के द्वारा मां लक्ष्मी को पुष्प माला समर्पण करना चाहिए-
माल्यादीनि सुगन्धीनि मालत्यादीनि वै प्रभो |
ॐ मनसः काममाकूतिं वाचः सत्यमशीमहि |
ॐ महालक्ष्म्यै नमः | पुष्पमालां समर्पयामि ||
Is mantra ke dwara Maa Lakshmi ko pushp mala samarpan karna chahiye-
Maalyaadeeni Sugandheeni Maalatyaadeeni Vai Prabho |
Om Manasah Kaamamaakootim Vaachah Satyamasheemahi |
Pashoonaam Roopmannasya Mayi Shrih Shrayataam Yashah ||
Om Mahalakshmyai Namah | Pushpmalaam Samarpayaami |
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इस मंत्र के द्वारा मां लक्ष्मी को आभूषण समर्पण करना चाहिए-
रत्नकंकणवैदूर्यमुक्ताहाअरादिका
सुप्रसन्नेन मनसा दत्तानि स्वीकुरूष्व भोः || ॐ
क्षुत्पिपासामलां ज्येष्ठामलक्ष्मीं नाशयाम्यहम् |
अभूतिमसमृद्धि च सर्वां न
Is mantra ke dwara Maa Lakshmi ko aabhushan samarpan karna chahiye-
Ratnkankanavaidooryamuktaahaaa
Suprasannen Manasaa Dattani Sveekurooshva Bhoh ||
Om Kshutpipaasaamalaam Jyeshthaamalakshmeem Naashayaamyaham |
Abhootimasamriddhi Ch Sarvaam Nirgud Me Grihaat ||
Om Mahalakshmyai Namah | Aabhushan Samarpayaami |
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इस मंत्र के द्वारा माता लक्ष्मी को वस्त्र समर्पण करना चाहिए-
दिव्याम्बरं नूतनं हि क्षौमं त्वतिमनोहरम् | दीयमानं मया देवि गृहाण जगदम्बिके ||
ॐ उपैतु मां देवसुखः कीर्तिश्च मणिना सह | प्रादुर्भूतोस्मि राष्ट्रेस्मिन कीर्तिमृद्धि ददातु मे ||<
Is mantra ke dwara Mata Lakshmi ko vastra samarpan karna chahiye-
Divyaambaram Nootanam Hi Kshaumam Tvatimanoharam |
Deeyamaanam Mayaa Devi Grihaan Jagadambike ||
Om Upaitu Maa Devsukhah Keertishcha Maninaa Sah |
Praadurbhootosmi Raashtresmin Keertimriddhi Dadaatu Me ||
Om Mahalakshmyai Namah Vastram Samarpayaami |
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इस मंत्र के द्वारा मां लक्ष्मी को स्नान हेतु घी अर्पित करना चाहिए-
ॐ घृतं घृतपावानः पिबत वसां वसापावानः पिबतान्तरिक्षस्य हविरसि स्वाहा |
दिशः प्रदिश आदिशो विदिश उद्धिशो दिग्भ्यः स्वाहा || ॐ महालक्ष्म्यै नमः घृतस्नानं समर्पयामि |
Is mantra ke dwara Maa Lakshmi ko snaan hetu ghee arpit karna chahiye-
Om Ghritam Ghritapaavaanah Pibat Vasaam Vasaapaavaanah Pibataantarikshasya Havirasi Svaahaa |
Dishah Pradish Aadisho Vidish Uddhisho Digbhyah Svaahaa ||
Om Mahalakshmyai Namah Ghritsnaanam Samarpayaami |
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मां लक्ष्मी की पूजा में इस मंत्र के द्वारा उन्हें जल समर्पण करना चाहिए-
मन्दाकिन्याः समानीतैर्हेमाम्भोरूहवासितैः | स्नानं कुरूष्व देवेशि सलिलैश्च सुगन्धिभिः ||
ॐ महालक्ष्म्यै नमः स्नानं समर्पयामि |
Maa Lakshmi ki pooja me is mantra ke dwara unhen jal samarpan karna chahiye-
Mandaakinyaah Samaaneetairhemaambhoruhavaasi
Snaanam Kurushva Deveshi Salilaishcha Sugandhibhih ||
Om Mahalakshmyai Namah Snaanam Samarpayaami |
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इस मंत्र के द्वारा मां लक्ष्मी को आसन समर्पण करना चाहिए-
तप्तकाश्चनवर्णाभं मुक्तामणिविराजितम् | अमलं कमलं दिव्यमासनं प्रतिगृह्यताम् ||
ॐ अश्वपूर्वां रथमध्यां हस्तिनादप्रमोदिनीम् | श्रियं देवीमुपह्वये श्रीर्मा देवी जुषताम् ||
ॐ
Is mantra ke dwara Maa Lakshmi ko aasan samarpan karna chahiye-
Taptkaashchanavanaarbham Muktaamaniviraajitam |
Amalam Kamalam Divyamaasanam Pratigrihyataam ||
Om Ashvapurvaam Rathmadhyaam Hastinaadapramodineem |
Shriyam Deveemupahvaye Shrirmaa Devee Jushataam ||
Om Mahalakshmyai Namah | Aasanam Samarpayaami |
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इस मंत्र के द्वारा मां लक्ष्मी का आवाहन करना चाहिए-
सर्वलोकस्य जननीं सर्वसौख्यप्रदायिनीम |
सर्वदेवमयीमीशां देवीमावाहयाम्यहम् ||
ॐ तां म आवह जातवेदो लक्ष्मीमनपगामिनीम् | यस्यां हिरण्यं विन्देयं गामश्वं पुरुषानहम् ||
Is mantra ke dwara Maa Lakshmi ka aavahan karna chahiye-
Sarvlokasya Jananeem Sarvsaukhyapradaayineem |
Sarvdevmayeemeeshaam Deveemaavaahayaamyaham ||
Om Taam Ma Aavah Jaatavedo Lakshmeemanapagaamineem |
Yasyaam Hiranyam Vindeyam Gaamashvam Purushaanaham ||
Om Mahalakshmyai Namah | Mahalaksheemaavaahayaami, Aavahanaarthe Pushpaani Samarpayaami |
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मान्यता है कि लक्ष्मी जी की पूजा करते हुए वैभव लक्ष्मी मंत्र का जाप करने से व्यक्ति के घर में कभी धन का अभाव नहीं रहता है।
श्री वैभव लक्ष्मी मंत्र (Shree Vaibhav Laxmi Mantra)
या रक्ताम्बुजवासिनी विलासिनी चण्डांशु तेजस्विनी।
या रक्ता रुधिराम्बरा हरिसखी या श्री मनोल्हादिनी॥
या रत्नाकरमन्थनात्प्रगटिता विष्णोस्वया गेहिनी।
सा मां पातु मनोरमा भगवती लक्ष्मीश्च पद्मावती ॥
कैसे करें वैभव लक्ष्मी मंत्र का प्रयोग (How to Use Vaibhav Laxmi Mantra)
वैभव लक्ष्मी मंत्र का जाप विशेष रूप से शुक्रवार और दिपावली के दिन करना चाहिए। इस दिन जातक को सुबह जल्दी उठकर घर के सभी कार्य कर के स्नान कर लेना चाहिए। इसके बाद उपवास रखते हुए श्री लक्ष्मी यंत्र या मां लक्ष्मी की तस्वीर को लाल कपड़े में लपेटकर पूजा स्थान पर स्थापित करना चाहिए।
लक्ष्मी जी की धूप, फूल, दीप, गंध, अक्षत, रोली आदि से पूजा करनी चाहिए। पूजा करने के बाद यथाशक्तिनुसार "श्री वैभव लक्ष्मी मंत्र" का जाप करना चाहिए। इस मंत्र का जाप शुक्रवार के अतिरिक्त अन्य दिन भी बिना नियम के किया जा सकता है।
श्री वैभव लक्ष्मी मंत्र के लाभ (Power of Vaibhav Laxmi Mantra)
मान्यता है कि श्री वैभव लक्ष्मी मंत्र का जाप करने से जातक के घर में कभी किसी वस्तु का अभाव नहीं रहता है। लक्ष्मी जी की कृपा से उसका जीवन सुख- शांति, धन- वैभव से हमेशा भरा रहता है।
=श्री वैभव लक्ष्मी मंत्र (Shree Vaibhav Laxmi Mantra)
या रक्ताम्बुजवासिनी विलासिनी चण्डांशु तेजस्विनी।
या रक्ता रुधिराम्बरा हरिसखी या श्री मनोल्हादिनी॥
या रत्नाकरमन्थनात्प्रगटिता विष्णोस्वया गेहिनी।
सा मां पातु मनोरमा भगवती लक्ष्मीश्च पद्मावती ॥
कैसे करें वैभव लक्ष्मी मंत्र का प्रयोग (How to Use Vaibhav Laxmi Mantra)
वैभव लक्ष्मी मंत्र का जाप विशेष रूप से शुक्रवार और दिपावली के दिन करना चाहिए। इस दिन जातक को सुबह जल्दी उठकर घर के सभी कार्य कर के स्नान कर लेना चाहिए। इसके बाद उपवास रखते हुए श्री लक्ष्मी यंत्र या मां लक्ष्मी की तस्वीर को लाल कपड़े में लपेटकर पूजा स्थान पर स्थापित करना चाहिए।
लक्ष्मी जी की धूप, फूल, दीप, गंध, अक्षत, रोली आदि से पूजा करनी चाहिए। पूजा करने के बाद यथाशक्तिनुसार "श्री वैभव लक्ष्मी मंत्र" का जाप करना चाहिए। इस मंत्र का जाप शुक्रवार के अतिरिक्त अन्य दिन भी बिना नियम के किया जा सकता है।
श्री वैभव लक्ष्मी मंत्र के लाभ (Power of Vaibhav Laxmi Mantra)
मान्यता है कि श्री वैभव लक्ष्मी मंत्र का जाप करने से जातक के घर में कभी किसी वस्तु का अभाव नहीं रहता है। लक्ष्मी जी की कृपा से उसका जीवन सुख- शांति, धन- वैभव से हमेशा भरा रहता है।
Diwali, the Festival of Light! : Swami Chidanand Saraswati
I hope that — by God’s Grace — this finds you in the best of health and happiness at this sacred and divine time of Diwali, the Festival of Light!
From high in the sky, the beautifully burning lights of Diwali can be seen, illuminating India and the nations around the world where Indians live in a kaleidoscopic symphony of colours.
Diwali is a day eagerly awaited by young and old alike, in which our homes are sweetened by the fragrance of ghee- lled diyas, which icker upon our household walls, and line our streets. In preparation for Diwali, we sweep and scrub our homes until they shine like jewels. Dressed in colorful new clothes, we o er burning lights to brighten the skies from our loving hands.
Return of Lord Rama to Ayodhya — Welcoming the Divine in Our Lives
Diwali is celebrated as the time at which Lord Rama returned to the city of Ayodhya a er being in exile for fourteen years. e people of Ayodhya were, of course, overjoyed at the return of their
Divine King. To welcome Him, they lled the streets of the city with brightly burning lamps. e lamps symbolize the joy at His homecoming and also literally a way of beholding His divine face on the dark night of the new moon.
e symbolism of this is truly beautiful. We do not merely celebrate Diwali as a historical remembrance. Rather, as we light the diyas (lamps) we must also consciously and actively welcome the Divine back into our lives. God (by all names and all forms) is of course omnipresent and never “goes away.” However, we go away from God. We turn our focus, our attention, our love and connection away from the Divine and onto the material, the temporal, the eeting. We o er our actions and decisions on the altar of nancial success, material wealth and social status. We forget and neglect to o er ourselves on the altar of the One who is true success, true prosperity, true light and true peace. So, as we light the lamps on Diwali we welcome the Divine back into our lives. rough these beautiful lamps not only are we better able to behold the image of the Divine outside of ourselves, on our altars, in our temples
or other houses of worship, but the true Light is one which shows us the Divine within ourselves as well. We have been not only created by the Creator, but we have also been created of the Creator. So, as we light these beautiful lamps we pray for the divine vision to be able to behold that Divine in all around us and also within ourselves.
Rama Rajya
When Rama returned to Ayodhya and took the throne of the city, it was the beginning of what is called “Rama Rajya” or the rule of Rama. Rama Rajya is referred to, again and again, not only in the Ramayana but in innumerable other literary works, as really an age of perfection. It is the age to which we are always trying to return — a time of peace, joy, harmony, health and abundance. However, the Ramayana gives us very specific details of what Rama Rajya entailed. . include a complete eradication of despair, poverty, illness, suffering, illiteracy, and violence.i. e world of Rama Rajya was one in which all people had suffi cient resources, education, training, good health and were loved and cared for.
When we celebrate Diwali, we must similarly be prepared to work toward creating Rama Rajya which began as soon as Rama returned, hence began from Diwali. Rama did not simply wave a magic divine wand and make poverty, illness, illiteracy, malice and despair vanish. Rather He called upon the citizens of Ayodhya to join hands in bringing about this new world order.
In the same way, if we are truly going to celebrate Diwali, we must be prepared to joining our hands and creating a world in which no one – yes, no one – sleeps hungry, lacks basic education or health care, or is the victim of violence. It is not enough to just light diyas and eat sweets on Diwali. In order to really celebrate we must vow and pledge that from the next morning we will WORK toward creating Rama Rajya here and now.
Maha Lakshmi – the Goddess of Prosperity
Diwali is also a celebration in which we worship Maha Lakshmi, the Divine Feminine, the Goddess of Prosperity and Abundance. However, it is common for many to mistakenly perceive Maha Lakshmi as the Goddess of tangible wealth, to whom we pray when
we want financial improvements in life. However, true Wealth is not merely the number written on our bank statements or on our income tax balance sheet.
True Wealth is the light which shines forth from within us; it is our cup which runneth over with love, compassion, gratitude and joy. Maha Lakshmi is the Divine Mother. She gives and gives like the Sun, and like Mother Ganga ceas essly, with no discrimination, no hesitation, no expectation and no vacation! Maha Lakshmi can be seen and worshipped not only in Her gorgeous form in our mandirs, draped in a shiny red saree, but also in all that gives and gives: the rivers, the trees, the very air that we breathe, the crops that nourish and sustain us. All that is green, all that is beautiful is She.
BE the Light
For this festival of lights, let us instead resolve to be the light ourselves. Instead of asking Maha Lakshmi for the bounty of wealth, let us instead ask how we may restore that bounty for the world. In planting a tree, we are planting the grace of Maha Lakshmi. In cleaning our rivers, we are cleaning Her glorious form. In stopping any instances of violence against women and girls, we are protecting Her.
Puja does not only mean that which we do sitting in our mandirs; it is how we live our lives. Arpan (offering) is not done only in the midst of a religious ritual; it teaches us how to live. Let every minute and every moment be an opportunity to perform puja for Maha Lakshmi. Let everything we do be an offfl ering to Her.
Each lit diya not only brings individual light, but it also can be used to light others! One single burning candle can light innumerable other candles. On this Diwali, let us not only light the oil lamps but let us become the lamps which bring light and then light others. Instead of throwing reworks into the sky, causing air and noise pollution, let us become the reworks, illuminating this world through the goodness of our deeds and the selflessness of our actions.
It begins with one tree, one toilet, or even picking up one piece of litter from the road or the bank of a river. It continues with the switching of one light, the protecting of one girl, one woman, or one resource.
From here begins a chain of light that can propel us forth into a new era. Make the resolution, and launch a new era of light in which all may bask. Hope and light are in your hands on this Diwali day. If we can take a pledge on this Diwali Day to truly be the light and help bring in an era of Rama Rajya, then the lights of our lamps will continue to burn not only for a few hours but on and on throughout the year and for years to come.
On this holy day of Diwali, I pray that you will take this opportunity to examine your own lives and take a pledge to ll your lives – every word, every thought and every action — with light, thereby bringing light and life to others.
May the light of love and devotion shine brightly in your hearts.
May the light of understanding shine in your minds. May the light of harmony glow in your home. May the light of service shine forth ceaselessly from your hands.
May your presence light the lamps of love wherever you go.
May your smile, your words and your actions be as sweet as the sweets of this festive season.
May Maha Laxmi bring you the true wealth of health, happiness, peace and prosperity
upon you and all your loved ones.
With love and blessings to you always, In the service of God and humanity,
How to do Lakshmi Puja on Diwali | Laxmi Pujan easy method | Worship for Wealth and Money
https://youtu.be/OIZmgsTbvQA
But for those who do not know Sanskrit, there is a very easy generalized puja vidhi of Lakshmi ji. This puja is very effective because it is the puja of Lakshmi panchyatan.
The devotee who do Lakshmi panchayatan puja, is blessed with grace of Goddess Lakshmi very quickly.
Things Required for Lakashmi Puja on Diwali :
- Roli
- Akshat (Raw full grain rice uncooked)
- Puja ki Thali
- Flower Garland
- Dhoop stick
- Scent
- Photo or Idol of Goddess Lakshmi with Lord Ganesha and Goddess Saraswati
- A Red cloth
- A Chawki
- Supari
- Coriander seeds
- Cotton seeds
- Lotus Flower Seeds
- Dry whole Turmeric
- Silver coin
- Sweets
- Some currency notes
All Steps For How To Do Lakshmi Puja On Diwali :
1. Keep all these things together at one place.2. Place chawki on your place of puja. Spread red cloth on it.
3. Place photo/idol of Goddess Lakshmi, Saraswati and Lord Ganesha.
4. Place 3 heaps of raw rice in front of Goddess Lakshmi photo for Lord Vishnu, Kuber and Indra.
5. Light a lamp to start puja. This lamp should be kept lit overnight. Also light dhoop stick.
6. Pray Lord Ganesha to come and remove all obstacles during Lakshmi puja.
- Put tilak of roli and akshat on forehead of Lord Ganesha.
- Offer scent, flowers, dhoop, sweets (naivedya) and earthen lamp to Lord Ganesha.
- Offer scent, flowers, dhoop, sweets and earthen lamp (deepak) to Goddess Lakshmi.
- Now offer coriander seeds, cotton seeds, dry whole turmeric, siver coin, currency notes, supari and seed of lotus flower to Goddess Lakshmi.
- Offer scent, flower, dhoop, sweets, fruits and earthen lamp to Lord Vishnu.
- Do worship of lord Kuber by offering earthen lamp, scent, flowers, dhoop and sweets.
- Do worship of Lord Indra by offering scent, flowers, dhoop, sweets and earthen lamp.
- Put tilak on forehead of Goddess Saraswati and put akshat on it.
- Offer scent, flowers, dhoop, sweets and earthen lamp.
- Pray to get divine knowledge and guidance on life path.
13. Do Lakshmi Arti after this Puja.
Note :- If you wish to do japa of mantra of Ma Lakshmi, then the simplest and most powerful mantra is “Shreem Swaha” (“श्रीं स्वाहा”). Recite this mantra at least 108 times.
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