Ko Mata Ko Pita Hamare (Krishna stotra/bhajan,83)
Ko Mata Ko Pita Hamare (Krishna stotra/bhajan,83)
https://youtu.be/_v67O7GiHrY
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को माता को पिता हमारे ।
कब जनमत हमको तुम देख्यो,
हँसी लगत सुन बैन तुम्हारे ।
कब माखन चोरी कर खायो,
कब बांधे महतारी ।
दुहत कौन सी गइया चारत,
बात कही जे भारी ।
तुम जानत मोहि नंद ढ़िठौना,
नंद कहा ते आये ।।
हम पूरन अविगत अविनासी,
माया ठगनी भुलाये ।
ये सुन ग्वालिन सब मुस्कानी,
हरष मगन हो उठाये ।
सूर श्याम जो निठुरैं सबहीं,
मात पिता हूँ नहीं माने ।=
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