RADHA CHALISA(Radha stotra/bhajan 12)
https://youtu.be/jvtzGumZbVc
श्री राधे वृषभानुजा भक्तनि प्राणाधार ।
वृन्दावनविपिन विहारिणि प्रणवों बारंबार ।।
Shrí Rádhe vrishbhánujá bhaktani pránádhár,
Vrindávanavipin vihárini pranavon báranbár.
जैसौ तैसौ रावरौ कृष्ण प्रिया सुखधाम ।
चरण शरण निज दीजिये सुन्दर सुखद ललाम ।।
Jaisai taisai rávarai Krishna priyá sukhadhám,
Charan sharan nij díjiye sundar sukhad lalám.
चौपाई - Chaupáí
जय वृषभान कुँवरि श्री श्यामा ।
कीरति नंदिनि शोभा धामा ।।
Jay vrishbhán kunvari Shrí Syámá,
Kírti nangdini shobhá dhámá.
नित्य बिहारिनि श्याम अधारा ।
अमित मोद मंगल दातारा ।।
Nitya bihárini Shyám adhárá,
Amit mod mangal dátárá.
रास विलासिनि रस विस्तारिनी ।
सहचरि सुभग यूथ मन भावनि ।।
Rás vilásini ras vistáriní,
Sahachari subhag yúth man bhávani.
नित्य किशोरी राधा होरी ।
श्याम प्राणधन अति जिय भोरी ।।
Nitya kíshorí Rádhá hoorí,
Shyám pránadhan ati jiya bhorí.
करुणा सागर हिय उमंगिनि ।
ललितादिक सखियन की संगिनी ।।
Karuná ságar hiya umangini,
Lalitádik sakhiyan kí sanginí.
दिन कर कन्या कूल बिहारिनि ।
कृष्ण प्राण प्रिय हिय हुलसावनि ।।
Din kar kanyá kúl bihárini,
Krishna prán priya hiy hulasávani.
नित्य श्याम तुमरौ गुण गावें ।
राधा राधा कहि हरषावें ।।
Nitya Shyám Tumarau gun gáven,
Rádhá Rádhá kahi harasáven.
मुरली में नित नाम उचारे ।
तुव कारण प्रिया वृषभानु दुलारी ।।
Murlí men nit nám ucháre,
Tuv káran priyá vrishbhánu dulárí.
नवल किशोरी अति छवि धामा ।
द्युति लघु लगै कोटि रति कामा ।।
Naval kishorí wti chhavi dhámá,
Chuti laghu lagai koti rati kámá.
गौरांगी शशि निंदक बढ़ना ।
सुभग चपल अनियारे नयना ।।
Gaurángí shashi ningadak badhaná,
Subhag chapal aniyáre nayaná.
जावक युग युग पंकज चरना ।
नूपुर धुनि प्रीतम मन हरना ।।
Jávak yug yug pankaj charaná,
Núpur dhani prítam man haraná.
संतत सहचरि सेवा करहीं ।
महा मोद मंगल मन भरहीं ।।
Santat sahachari sevá karahín,
Mahá mod mangal man bharahín.
रसिकन जीवन प्राण अधारा ।
राधा नाम सकल सुख सारा ।।
Rasikan jívan prán adhárá,
Rádhá nám sakal sukh sárá.
अगम अगोचर नित्य स्वरूपा ।
ध्यान धरत निशदिन ब्रज भूपा ।।
Agam agochar nitya svarúpá,
Dhyán dharat nishadin braj bhúpá.
उपजेउ जासु अंश गुण खानी ।
कोटिन उमा रमा ब्रह्मानी ।।
Upajeu jásu ansh gun khání,
Kotin Umá Ramá Brahmání.
नित्यधाम गोलोक विहारिनी ।
जन रक्षक दुख दोष नसावनि ।।
Nityadhám golok viháriní,
Jan rakshak dukh dos nasávani.
शिव अज मुनि सनकादिक नारद ।
पार न पातें शोष अरु शारद ।।
Shiv aj muni sanakádik nárad,
Pár na páten shos aru shárad.
राधा शुभ गुण रूप उजारी ।
निरखि प्रसन्न होत बनवारी ।।
Rádha shubh gun rúp ujárí,
Nirikh prasan hot Banavárí.
ब्रज जीवन धन राधा रानी ।
महिमा अमित न जाय बखानी ।।
Braj jívan dhan Rádhá rání,
Mahimá amit na jáy bakhání.
प्रीतम संग देई गलबाँही ।
बिहरत नित्य वृन्दाबन माँही ।।
Pritam sang deí galabánghí,
Biharat nitya Vrindában mánghí.
राधा कृष्णा कृष्णा कहैं राधा ।
एक रूप दोउ प्रीति अगाधा ।।
Rádhá Krishná Krishná kahain Rádhá,
Ek rúp dou príti agádhá.
श्री राधा मोहन मन हरनी ।
जन सुख दायक प्रफुलित दबनी ।।
Shrí Rádhá Mohan man haraní,
Jan sukh dáyak prakulit dabaní.
कोटिक रूप धरें नंद नन्दा ।
दर्श करन हित गोकुल चन्दा ।।
Kotik rúp dharen Nand Nandá,
Darsh karan hit Gokul chandá.
रास केलि करि तुम्हें रिझावें ।
मान करौ जब अति दुख पावें ।।
Rás keli kari Tumhen rijháven,
Mán karau jab ati dukh páven.
प्रफुलित होत दर्श जब पावें ।
विविध भाँति नित विनय सुनावें ।।
Praphulit hot darsh jab páven,
Vividh bhángti nit vinay sunáven.
कोटिन यज्ञ तपस्या करहू ।
विविध नेम व्रत हिय में धरहू ।।
Kotin yagya tapasyá karahú,
Vividh neem vrat hiy men dharahú.
तऊ न श्याम भक्तहिं अपनावें ।
जब लगि राधा नाम न गावे ।।
Tú na Shyám bhaktahin apanáven,
Jab lagi Rádhá nám na gáve.
वृन्दाविपिन स्वामिनी राधा ।
लीला बपु तब अमित अगाधा ।।
Vrindávipin sváminí Rádhá,
Lílá bapu tab amit agádhá.
स्वयं कृष्णा पावैं नहिं पारा ।
और तुम्हैं को जानन हारा ।।
Svayang Krishná pávain nahin párá,
Aur tumhain ko jánan hárá.
श्री राधा रस प्रीति अभेदा ।
सारद गान करत नित वेदा ।।
Shrí Rádhá ras príti abhedá,
Sárad gán karat nit Vedá.
राधा त्यागि कृष्णा को भेजिहैं ।
ते सपनेहु जग जलधि न तरिहैं ।।
Rádhá tyági Krishná ko bhejihain,
Te sapanehu jag jaladhi na tarihain.
कीरति कुँवरि लाड़िली राधा ।
सुमिरत सकल मिटहिं भव बाधा ।।
Kírati kunvari ládilí Rádhá,
Sumirat sakal mitahin bhav bádhá.
नाम अमंगल मूल नसावन ।
त्रिविध ताप हर हरि मन भावन ।।
Nám amangal múl nasávan,
Trividh táp har hari man bhávan.
राधा नाम लेइ जो कोई ।
सहजहि दामोदर बस होई ।।
Rádhá nám lei jo koí,
Sahajahi dámodar bas hoí.
राधा नाम परम सुखदाई ।
भजतहिं कृपा करहिं यदुराई ।।
Rádhá nám param sukhadáí,
Bhajatahin kripá karahin yaduráí.
यशुमति नन्दन पीछे फिरिहैं ।
जो कोउ राधा नाम सुमिरिहैं ।।
Yashumati nandan píchhe phirihain,
Jo kou Rádhá nám sumirihain.
रास विहारिन श्यामा प्यारी ।
करहु कृपा बरसाने वारी ।।
Rás vihárin Shyámá pyárí,
Karahu kripá barasáne várí.
वृन्दावन है शरण तिहारौ ।
जय जय जय वृषभानु दुलारी ।।
Vrindávan hai sharan ptihárau,
Jay jay jay vrishbhánu dulárí.
दोहा - Dohá
श्रीराधासर्वेश्वरी रसिकेश्वर घनश्याम ।
करहुँ निरंतर बास मैं श्रीवृन्दावन धाम ।।
Shrírádhásrarveshvarí Rasikeshvar Ghanshyám,
Karahun nirantar bás main shrívrindávan dhám.
============वृन्दावनविपिन विहारिणि प्रणवों बारंबार ।।
Shrí Rádhe vrishbhánujá bhaktani pránádhár,
Vrindávanavipin vihárini pranavon báranbár.
जैसौ तैसौ रावरौ कृष्ण प्रिया सुखधाम ।
चरण शरण निज दीजिये सुन्दर सुखद ललाम ।।
Jaisai taisai rávarai Krishna priyá sukhadhám,
Charan sharan nij díjiye sundar sukhad lalám.
चौपाई - Chaupáí
जय वृषभान कुँवरि श्री श्यामा ।
कीरति नंदिनि शोभा धामा ।।
Jay vrishbhán kunvari Shrí Syámá,
Kírti nangdini shobhá dhámá.
नित्य बिहारिनि श्याम अधारा ।
अमित मोद मंगल दातारा ।।
Nitya bihárini Shyám adhárá,
Amit mod mangal dátárá.
रास विलासिनि रस विस्तारिनी ।
सहचरि सुभग यूथ मन भावनि ।।
Rás vilásini ras vistáriní,
Sahachari subhag yúth man bhávani.
नित्य किशोरी राधा होरी ।
श्याम प्राणधन अति जिय भोरी ।।
Nitya kíshorí Rádhá hoorí,
Shyám pránadhan ati jiya bhorí.
करुणा सागर हिय उमंगिनि ।
ललितादिक सखियन की संगिनी ।।
Karuná ságar hiya umangini,
Lalitádik sakhiyan kí sanginí.
दिन कर कन्या कूल बिहारिनि ।
कृष्ण प्राण प्रिय हिय हुलसावनि ।।
Din kar kanyá kúl bihárini,
Krishna prán priya hiy hulasávani.
नित्य श्याम तुमरौ गुण गावें ।
राधा राधा कहि हरषावें ।।
Nitya Shyám Tumarau gun gáven,
Rádhá Rádhá kahi harasáven.
मुरली में नित नाम उचारे ।
तुव कारण प्रिया वृषभानु दुलारी ।।
Murlí men nit nám ucháre,
Tuv káran priyá vrishbhánu dulárí.
नवल किशोरी अति छवि धामा ।
द्युति लघु लगै कोटि रति कामा ।।
Naval kishorí wti chhavi dhámá,
Chuti laghu lagai koti rati kámá.
गौरांगी शशि निंदक बढ़ना ।
सुभग चपल अनियारे नयना ।।
Gaurángí shashi ningadak badhaná,
Subhag chapal aniyáre nayaná.
जावक युग युग पंकज चरना ।
नूपुर धुनि प्रीतम मन हरना ।।
Jávak yug yug pankaj charaná,
Núpur dhani prítam man haraná.
संतत सहचरि सेवा करहीं ।
महा मोद मंगल मन भरहीं ।।
Santat sahachari sevá karahín,
Mahá mod mangal man bharahín.
रसिकन जीवन प्राण अधारा ।
राधा नाम सकल सुख सारा ।।
Rasikan jívan prán adhárá,
Rádhá nám sakal sukh sárá.
अगम अगोचर नित्य स्वरूपा ।
ध्यान धरत निशदिन ब्रज भूपा ।।
Agam agochar nitya svarúpá,
Dhyán dharat nishadin braj bhúpá.
उपजेउ जासु अंश गुण खानी ।
कोटिन उमा रमा ब्रह्मानी ।।
Upajeu jásu ansh gun khání,
Kotin Umá Ramá Brahmání.
नित्यधाम गोलोक विहारिनी ।
जन रक्षक दुख दोष नसावनि ।।
Nityadhám golok viháriní,
Jan rakshak dukh dos nasávani.
शिव अज मुनि सनकादिक नारद ।
पार न पातें शोष अरु शारद ।।
Shiv aj muni sanakádik nárad,
Pár na páten shos aru shárad.
राधा शुभ गुण रूप उजारी ।
निरखि प्रसन्न होत बनवारी ।।
Rádha shubh gun rúp ujárí,
Nirikh prasan hot Banavárí.
ब्रज जीवन धन राधा रानी ।
महिमा अमित न जाय बखानी ।।
Braj jívan dhan Rádhá rání,
Mahimá amit na jáy bakhání.
प्रीतम संग देई गलबाँही ।
बिहरत नित्य वृन्दाबन माँही ।।
Pritam sang deí galabánghí,
Biharat nitya Vrindában mánghí.
राधा कृष्णा कृष्णा कहैं राधा ।
एक रूप दोउ प्रीति अगाधा ।।
Rádhá Krishná Krishná kahain Rádhá,
Ek rúp dou príti agádhá.
श्री राधा मोहन मन हरनी ।
जन सुख दायक प्रफुलित दबनी ।।
Shrí Rádhá Mohan man haraní,
Jan sukh dáyak prakulit dabaní.
कोटिक रूप धरें नंद नन्दा ।
दर्श करन हित गोकुल चन्दा ।।
Kotik rúp dharen Nand Nandá,
Darsh karan hit Gokul chandá.
रास केलि करि तुम्हें रिझावें ।
मान करौ जब अति दुख पावें ।।
Rás keli kari Tumhen rijháven,
Mán karau jab ati dukh páven.
प्रफुलित होत दर्श जब पावें ।
विविध भाँति नित विनय सुनावें ।।
Praphulit hot darsh jab páven,
Vividh bhángti nit vinay sunáven.
कोटिन यज्ञ तपस्या करहू ।
विविध नेम व्रत हिय में धरहू ।।
Kotin yagya tapasyá karahú,
Vividh neem vrat hiy men dharahú.
तऊ न श्याम भक्तहिं अपनावें ।
जब लगि राधा नाम न गावे ।।
Tú na Shyám bhaktahin apanáven,
Jab lagi Rádhá nám na gáve.
वृन्दाविपिन स्वामिनी राधा ।
लीला बपु तब अमित अगाधा ।।
Vrindávipin sváminí Rádhá,
Lílá bapu tab amit agádhá.
स्वयं कृष्णा पावैं नहिं पारा ।
और तुम्हैं को जानन हारा ।।
Svayang Krishná pávain nahin párá,
Aur tumhain ko jánan hárá.
श्री राधा रस प्रीति अभेदा ।
सारद गान करत नित वेदा ।।
Shrí Rádhá ras príti abhedá,
Sárad gán karat nit Vedá.
राधा त्यागि कृष्णा को भेजिहैं ।
ते सपनेहु जग जलधि न तरिहैं ।।
Rádhá tyági Krishná ko bhejihain,
Te sapanehu jag jaladhi na tarihain.
कीरति कुँवरि लाड़िली राधा ।
सुमिरत सकल मिटहिं भव बाधा ।।
Kírati kunvari ládilí Rádhá,
Sumirat sakal mitahin bhav bádhá.
नाम अमंगल मूल नसावन ।
त्रिविध ताप हर हरि मन भावन ।।
Nám amangal múl nasávan,
Trividh táp har hari man bhávan.
राधा नाम लेइ जो कोई ।
सहजहि दामोदर बस होई ।।
Rádhá nám lei jo koí,
Sahajahi dámodar bas hoí.
राधा नाम परम सुखदाई ।
भजतहिं कृपा करहिं यदुराई ।।
Rádhá nám param sukhadáí,
Bhajatahin kripá karahin yaduráí.
यशुमति नन्दन पीछे फिरिहैं ।
जो कोउ राधा नाम सुमिरिहैं ।।
Yashumati nandan píchhe phirihain,
Jo kou Rádhá nám sumirihain.
रास विहारिन श्यामा प्यारी ।
करहु कृपा बरसाने वारी ।।
Rás vihárin Shyámá pyárí,
Karahu kripá barasáne várí.
वृन्दावन है शरण तिहारौ ।
जय जय जय वृषभानु दुलारी ।।
Vrindávan hai sharan ptihárau,
Jay jay jay vrishbhánu dulárí.
दोहा - Dohá
श्रीराधासर्वेश्वरी रसिकेश्वर घनश्याम ।
करहुँ निरंतर बास मैं श्रीवृन्दावन धाम ।।
Shrírádhásrarveshvarí Rasikeshvar Ghanshyám,
Karahun nirantar bás main shrívrindávan dhám.
https://youtu.be/gx_Qs97q-cc
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https://youtu.be/m2mX3ry7T5U
http://youtu.be/f9y8qFDHRWU
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