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Sunday, September 20, 2015

RADHA CHALISA(Radha stotra/bhajan 12)


RADHA CHALISA(Radha stotra/bhajan 12)


https://youtu.be/jvtzGumZbVc

 

    
श्री राधे वृषभानुजा भक्तनि प्राणाधार ।
वृन्दावनविपिन विहारिणि प्रणवों बारंबार ।।

Shrí Rádhe vrishbhánujá bhaktani pránádhár,
Vrindávanavipin vihárini pranavon báranbár.

जैसौ तैसौ रावरौ कृष्ण प्रिया सुखधाम ।
चरण शरण निज दीजिये सुन्दर सुखद ललाम ।।

Jaisai taisai rávarai Krishna priyá sukhadhám,
Charan sharan nij díjiye sundar sukhad lalám.

चौपाई - Chaupáí

जय वृषभान कुँवरि श्री श्यामा ।
कीरति नंदिनि शोभा धामा ।।

Jay vrishbhán kunvari Shrí Syámá,
Kírti nangdini shobhá dhámá.

नित्य बिहारिनि श्याम अधारा ।
अमित मोद मंगल दातारा ।।

Nitya bihárini Shyám adhárá,
Amit mod mangal dátárá.

रास विलासिनि रस विस्तारिनी ।
सहचरि सुभग यूथ मन भावनि ।।

Rás vilásini ras vistáriní,
Sahachari subhag yúth man bhávani.

नित्य किशोरी राधा होरी ।
श्याम प्राणधन अति जिय भोरी ।।

Nitya kíshorí Rádhá hoorí,
Shyám pránadhan ati jiya bhorí.

करुणा सागर हिय उमंगिनि ।
ललितादिक सखियन की संगिनी ।।

Karuná ságar hiya umangini,
Lalitádik sakhiyan kí sanginí.

दिन कर कन्या कूल बिहारिनि ।
कृष्ण प्राण प्रिय हिय हुलसावनि ।।

Din kar kanyá kúl bihárini,
Krishna prán priya hiy hulasávani.

नित्य श्याम तुमरौ गुण गावें ।
राधा राधा कहि हरषावें ।।

Nitya Shyám Tumarau gun gáven,
Rádhá Rádhá kahi harasáven.

मुरली में नित नाम उचारे ।
तुव कारण प्रिया वृषभानु दुलारी ।।

Murlí men nit nám ucháre,
Tuv káran priyá vrishbhánu dulárí.

नवल किशोरी अति छवि धामा ।
द्युति लघु लगै कोटि रति कामा ।।

Naval kishorí wti chhavi dhámá,
Chuti laghu lagai koti rati kámá.

गौरांगी शशि निंदक बढ़ना ।
सुभग चपल अनियारे नयना ।।

Gaurángí shashi ningadak badhaná,
Subhag chapal aniyáre nayaná.

जावक युग युग पंकज चरना ।
नूपुर धुनि प्रीतम मन हरना ।।

Jávak yug yug pankaj charaná,
Núpur dhani prítam man haraná.

संतत सहचरि सेवा करहीं ।
महा मोद मंगल मन भरहीं ।।

Santat sahachari sevá karahín,
Mahá mod mangal man bharahín.

रसिकन जीवन प्राण अधारा ।
राधा नाम सकल सुख सारा ।।

Rasikan jívan prán adhárá,
Rádhá nám sakal sukh sárá.

अगम अगोचर नित्य स्वरूपा ।
ध्यान धरत निशदिन ब्रज भूपा ।।

Agam agochar nitya svarúpá,
Dhyán dharat nishadin braj bhúpá.

उपजेउ जासु अंश गुण खानी ।
कोटिन उमा रमा ब्रह्मानी ।।

Upajeu jásu ansh gun khání,
Kotin Umá Ramá Brahmání.

नित्यधाम गोलोक विहारिनी ।
जन रक्षक दुख दोष नसावनि ।।

Nityadhám golok viháriní,
Jan rakshak dukh dos nasávani.

शिव अज मुनि सनकादिक नारद ।
पार न पातें शोष अरु शारद ।।

Shiv aj muni sanakádik nárad,
Pár na páten shos aru shárad.

राधा शुभ गुण रूप उजारी ।
निरखि प्रसन्न होत बनवारी ।।

Rádha shubh gun rúp ujárí,
Nirikh prasan hot Banavárí.

ब्रज जीवन धन राधा रानी ।
महिमा अमित न जाय बखानी ।।

Braj jívan dhan Rádhá rání,
Mahimá amit na jáy bakhání.

प्रीतम संग देई गलबाँही ।
बिहरत नित्य वृन्दाबन माँही ।।

Pritam sang deí galabánghí,
Biharat nitya Vrindában mánghí.

राधा कृष्णा कृष्णा कहैं राधा ।
एक रूप दोउ प्रीति अगाधा ।।

Rádhá Krishná Krishná kahain Rádhá,
Ek rúp dou príti agádhá.

श्री राधा मोहन मन हरनी ।
जन सुख दायक प्रफुलित दबनी ।।

Shrí Rádhá Mohan man haraní,
Jan sukh dáyak prakulit dabaní.

कोटिक रूप धरें नंद नन्दा ।
दर्श करन हित गोकुल चन्दा ।।

Kotik rúp dharen Nand Nandá,
Darsh karan hit Gokul chandá.

रास केलि करि तुम्हें रिझावें ।
मान करौ जब अति दुख पावें ।।

Rás keli kari Tumhen rijháven,
Mán karau jab ati dukh páven.

प्रफुलित होत दर्श जब पावें ।
विविध भाँति नित विनय सुनावें ।।

Praphulit hot darsh jab páven,
Vividh bhángti nit vinay sunáven.

कोटिन यज्ञ तपस्या करहू ।
विविध नेम व्रत हिय में धरहू ।।

Kotin yagya tapasyá karahú,
Vividh neem vrat hiy men dharahú.

तऊ न श्याम भक्तहिं अपनावें ।
जब लगि राधा नाम न गावे ।।

Tú na Shyám bhaktahin apanáven,
Jab lagi Rádhá nám na gáve.

वृन्दाविपिन स्वामिनी राधा ।
लीला बपु तब अमित अगाधा ।।

Vrindávipin sváminí Rádhá,
Lílá bapu tab amit agádhá.

स्वयं कृष्णा पावैं नहिं पारा ।
और तुम्हैं को जानन हारा ।।

Svayang Krishná pávain nahin párá,
Aur tumhain ko jánan hárá.

श्री राधा रस प्रीति अभेदा ।
सारद गान करत नित वेदा ।।

Shrí Rádhá ras príti abhedá,
Sárad gán karat nit Vedá.

राधा त्यागि कृष्णा को भेजिहैं ।
ते सपनेहु जग जलधि न तरिहैं ।।

Rádhá tyági Krishná ko bhejihain,
Te sapanehu jag jaladhi na tarihain.

कीरति कुँवरि लाड़िली राधा ।
सुमिरत सकल मिटहिं भव बाधा ।।

Kírati kunvari ládilí Rádhá,
Sumirat sakal mitahin bhav bádhá.

नाम अमंगल मूल नसावन ।
त्रिविध ताप हर हरि मन भावन ।।

Nám amangal múl nasávan,
Trividh táp har hari man bhávan.

राधा नाम लेइ जो कोई ।
सहजहि दामोदर बस होई ।।

Rádhá nám lei jo koí,
Sahajahi dámodar bas hoí.

राधा नाम परम सुखदाई ।
भजतहिं कृपा करहिं यदुराई ।।

Rádhá nám param sukhadáí,
Bhajatahin kripá karahin yaduráí.

यशुमति नन्दन पीछे फिरिहैं ।
जो कोउ राधा नाम सुमिरिहैं ।।

Yashumati nandan píchhe phirihain,
Jo kou Rádhá nám sumirihain.

रास विहारिन श्यामा प्यारी ।
करहु कृपा बरसाने वारी ।।

Rás vihárin Shyámá pyárí,
Karahu kripá barasáne várí.

वृन्दावन है शरण तिहारौ ।
जय जय जय वृषभानु दुलारी ।।

Vrindávan hai sharan ptihárau,
Jay jay jay vrishbhánu dulárí.

दोहा - Dohá

श्रीराधासर्वेश्वरी रसिकेश्वर घनश्याम ।
करहुँ निरंतर बास मैं श्रीवृन्दावन धाम ।।

Shrírádhásrarveshvarí Rasikeshvar Ghanshyám,
Karahun nirantar bás main shrívrindávan dhám.
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https://youtu.be/gx_Qs97q-cc

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https://youtu.be/m2mX3ry7T5U


  http://youtu.be/f9y8qFDHRWU

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