किस्मत का मारा हूं सांवरे, प्यार की थोड़ी सी झलक दिखा मेरे श्यामसब झूठे रिश्तों को छोड़कर अपनी भक्ति की अलख जगा मेरे श्याम मेरी जिन्दगी में श्याम, धोखे ही धोखे हैं, बरबादियों के पल, आते ही रहते हैं, अब हार के तेरी शरण मैं, लेने आया हूं। आज मुझे भी थाम.. .सब जानकर भी तू चुपचाप बैठा है ,कहदे की ये तेरा इंसाफ कैसा है कहदे की ये तेरा इंसाफ कैसा है ,अब आज न जाऊं डाल दे, मेरी झोली में। भीख दया की श्याम...सुनता हूं निर्धन के भण्डार भरते हो, भगतों की नैय्या को भव पार करते हो, इक बार मुझ पर भी कृपा बरसा दे रे मोहन। बिगड़े बने मेरे काम.. .अब तो सिवा तेरे, कोई चाह नही मुझको दुनिया की अब कुछ भी, परवाह नही मुझको,अब चौखट पे तेरी भक्त की बीते रे कान्हा। जीवन की हर श्याम...
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