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Sunday, November 27, 2016

JAPO RE JAPO RE RADH NAAM KI(Krishna stotra/bhajan.158)

JAPO RE JAPO RE RADH NAAM KI(Krishna stotra/bhajan.158)

 https://youtu.be/L2G6_9h285s

जपो रे जपो रे राधे नाम को

जपो रे जपो रे राधे नाम को,
   बजो रे बजो रे राधे नाम को ।
राधा जू की अनुकम्पा से,
   पाओगे घनश्याम को ॥

करुणा मयी है राधे रानी,
   कृपा मयी है राधे रानी ।
दया मयी है राधे रानी,
   दूर करे अभिमान को ॥
जपो रे...

मोहन का सम्मान है राधे,
   कान्हा की मुस्कान है राधे ।
इसी लिए बृजवासी सारे,
   गाते हैं इस नाम को ॥
जपो रे...

वृन्दावन की पावन धरती,
   हर मानव को प्ररित करती ।
वहा का पत्ता पत्ता बोले,
   राधा जी के नाम को ॥
जपो रे...

similar
 https://youtu.be/_42idDg0wJI

 

SHYAMA AAN BANO VRINDAVAN MEH (Krishna stotra/Bhajan.157)


SHYAMA AAN BANO VRINDAVAN MEH (Krishna stotra/Bhajan.157)

 https://youtu.be/3FVqCUyDuZQ


श्यामा आन बसों वृन्दावन में

श्यामा आन बसों वृन्दावन में,
मेरी उम्र बीत गयी गोकुल में ।

श्यामा रस्ते में बाग बना जाना,
फुल बीनुगी तेरी माला के लिए ।
तेरी बाट निहारूं कुंजन में,
मेरी उम्र बीत गयी गोकुल में ॥

श्यामा रस्ते में कुआ खुदवा जाना,
मैं तो नीर भरुंगी तेरे लिए ।
मैं तुझे नहालाउंगी मल मल के,
मेरी उम्र बीत गयी गोकुल में ॥

श्यामा मुरली मधुर सुना जाना,
मोहे आके दरश दिखा जाना ।
तेरी सूरत बसी है अंखियन में,
मेरी उम्र बीत गयी गोकुल में ॥

श्यामा वृन्दावन में आ जाना,
आकर के रास रचा जाना ।
सूनी गोकुल की गलियन में,
मेरी उम्र बीत गयी गोकुल में ॥

श्यामा माखन चुराने आ जाना,
आकर के दही बिखरा जाना ।
बस आप रहो मेरे मन में,
मेरी उम्र बीत गयी गोकुल में ॥

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 https://youtu.be/XtTG7iT7H3g


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 shyama aan baso brindavan main, meri umar bit gai gokul main
shyama aan baso brindavan main, meri umar bit gai gokul main
shyama aan baso brindavan main

shayama raste me baag laga jana, phool bhi dungi teri mala ke liye
teri baat niharu kunjan main, meri umar bit gai gokul main
shyama aan baso brindavan main, meri umar bit gai gokul main
shyama aan baso brindavan main

Shayama raste main kuaan khudwa jana, main to nir bharungi tere liye
Shayama raste main kuaan khudwa jana, main to nir bharungi tere liye
main tujhe nehlaaungilaungii mal-mal ke,meri umar bit gai gokul main
shyama aan baso brindavan main, meri umar bit gai gokul main
shyama aan baso brindavan main

shyama murli madhur suna jana, mohe aakar darsh dikha jana
shyama murli madhur suna jana, mohe aakar darsh dikha jana
teri surat basi hai akhiyan main, meri umar bit gai gokul main
shyama aan baso brindavan main, meri umar bit gai gokul main
shyama aan baso brindavan main

shyama brindavanme aa jaana, aakar ke raas racha jana
shyama brindavanme aa jaana, aakar ke raas racha jana
suni gokul ki galiyan main, meri umar bit gai gokul main
shyama aan baso brindavan main, meri umar bit gai gokul main
shyama aan baso brindavan main

shyama makhan churane aa jana, aakar ke dahi bikhara jana
bus aap raho mere maan main, meri umar bit gai gokul main
shyama aan baso brindavan main, meri umar bit gai gokul main
shyama aan baso brindavan main, meri umar bit gai gokul main
shyama aan baso brindavan main, meri umar bit gai gokul main
shyama aan baso brindavan main, meri umar bit gai gokul main

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https://youtu.be/4o5lKttTchA
 

https://youtu.be/U--eOb6qqoo



 https://youtu.be/nYvdgZlFrn8







 

https://youtu.be/yf9IcB4eMEU


  
https://youtu.be/zj-a_wdnrNY
 

MERE ROM ROMME SHYAM (KRISHNA STOTRA/BHAJAN.156)

MERE ROM ROMME SHYAM (KRISHNA STOTRA/BHAJAN.156)
 https://youtu.be/gZYr8jcY3Pc

 मेरे रोम रोम में श्याम मगन मैं नाचूँगी


मेरे रोम रोम में श्याम, मगन मैं नाचूँगी
मुझे दुनिया से क्या काम, मगन मैं नाचूंगी
नाचूंगी, मैं तो नाचूंगी, सलोने श्याम, रसीले श्याम

मैं गिरिधर की गिरिधर मेरे,
जनम जनम के हो गए फेरे ।
मेरा जुड़ गया इनसे नाम,
मगन मैं नाचूंगी ॥

मुझे नचावे उसकी मस्ती,
मुझको मिल गयी बिकुल सस्ती ।
ना कौड़ी लगा ना दाम,
मगन मैं नाचूंगी ॥

जब काहना की बाजे मुरलिया,
छम छम बाजे मोरी पायलिया ।
अब लोग करे बदनाम,
मगन मैं नाचूंगी ॥

ऐसी नज़र प्रेम की मारी,
सुध बुध बूल गयी मुझे सारी ।
और भूल गयी घर बार,
मगन मैं नाचूंगी ॥
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https://youtu.be/I4I_XxK1qh4

MURALI MERE MOHAN DI KAMAL KAR GAYI (Krishna stotra.bhajan..155)

MURALI MERE MOHAN DI KAMAL KAR GAYI (Krishna stotra.bhajan..155)
https://youtu.be/KMY3uGrogi4

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मुरली मेरे मोहन दी वजदी कमाल कर गयी
जमाना सारा बदल गया, जदो होंठा उत्ते श्याम धर लई

मुरली दी तान सुन के इन्दर दा सिंघासन डोलिया,
अर्शा तोह आये देवते, जीवा दी समाधी खुल गयी ।
मुरली मेरे मोहन दी...

मुरली दी तान सुन के जंगला दे पशु पक्षी,
वे चलदे चलदे रुक नी गए यमुना दी लहर ठहर गयी ।
मुरली मेरे मोहन दी...

मुरली दी तान सुन के दौड़ी आईया सारी सखियाँ,
घर बार छूट नी गए सुध बुध सारी भूल गयी ।
मुरली मेरे मोहन दी...

मुरली दी तान सुन के रास मंडल रचिया,
एक एक सखी ते मोहन सारेया दी जोड़ी रल गयी ।
मुरली मेरे मोहन दी...

TERE NAYANA DE PYALYAN(Krishna stotra/bhajan.154)


TERE NAYANA DE PYALYAN(Krishna stotra/bhajan.154)

https://youtu.be/7q-GlqvkFD4



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तेरे नैना दे प्यालियां चो जरा पीती है


तेरे नैना दे प्यालियां चो जरा पीती है
ज़रा जिन्नी पीती है, थोड़ी जिनी पीती है

मेनू दुनिया दी लोको कोई होश न रही
चुप कितेया जुबा एह खामोश न रही
मेरी इक इक गल दा तराना हो गया
मैं दीवाना हो गया, मैं मस्ताना हो गया
तेरे नैना दे प्यालियां चो...

मैं गरीब नहीं जे लोको मैं अमीर हो गया
शाह मिलेया ते शाही मैं फ़कीर हो गया
मेरा धरती तो उच्चा आशिआना हो गया
मैं दीवाना हो गया, मैं मस्ताना हो गया
तेरे नैना दे प्यालियां चो...

जिधर वेखदा मैं तेरे ही नज़ारे वेखदा
तेरी मुठ्ठी विच चन्न ते सितारे वेखदा
मेरे आसे पासे लाला दा खजाना हो गया
मैं दीवाना हो गया, मैं मस्ताना हो गया
तेरे नैना दे प्यालियां चो...

जन जन विच मेरा एह संदेश दे देओ
गली गली कूच कूच देश देश दे देओ
हूँ पीना ते पियाना साडा कम् हो गया
मैं दीवाना हो गया, मैं मस्ताना हो गया
तेरे नैना दे प्यालियां चो...

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https://youtu.be/c_hHtbDVj2w



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https://youtu.be/gbHynyfTF1g








Wednesday, November 23, 2016

SAKHI AAJ TO BADHAI BAJE RANGA MAHALME (Krishna stotra/bhajan.153)

SAKHI AAJ TO BADHAI BAJE RANGA MAHALME (Krishna stotra/bhajan.153)

https://youtu.be/i6pb9Z0O0hE

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सखी आज तो बधाई बाजे रंग महल में


सखी आज तो बधाई बाजे रंग महल में
रंग महल में रंग महल में, रंग महल में बाजे

कृपा करके श्याम जी आये, रंग महल में
राधा रुक्मण संग लाये, रंग महल में
राधा श्याम की जोड़ी विराजे भक्तो के मन में

देने बधाई प्रभु ब्रह्मा जी आये
संग में सरस्वती मैया को लाये
मैया की वीणा बाजे रे, रंग महल में

देने बधाई प्रभु विष्णु जी आये,
संग में मैया लक्ष्मी को लाये
लक्ष्मी की पायल बाजे रे रंग महल में

देने बधाई शिव शंकर जी आये,
संग में मैया पार्वती जी को लाये
शिवा जी का डमरू बाजे रंग महल में

बहाने भी आयीं, भैया भी आये, रंग महल में
झूम झूम के ख़ुशी मनाए, रंग महल में
जय जैकार गूंजे, रंग महल में

बच्चे भी आये, बूड़े भी आये, रंग महल में
भुआ भी आये, फूफा भी आये, रंग महल में
आज तो बधाई बाजे, रंग महल में...

दूर दूर से भक्त हैं आये रंग महल में,
नाच नाच के खुश मनाये, रंग महल में
राधा कृष्ण की कृपा बरसे, रंग महल में

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https://youtu.be/8nLWvGuObYY

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आज तो बधावा बाजे

आज तो बधावा बाजे रंग महल में।

ले के बधाई मेरे शंकर आए, रंग महल में।

शंकर आए संग गौरा को लाए, रंग महल में।

शंकर जी का डमरू बाजे, रंगमहल में ॥ आज तो -------

ले के बधाई मेरे राम जी आए, रंग महल में।

राम जी आए संग सिया को लाए, रंग महल में।

सीता जी की पायल बाजे, रंगमहल में ॥ आज तो -------

ले के बधाई मेरे श्याम जी आए, रंग महल में।

श्याम जी आए संग सिया को लाए, रंग महल में।

कान्हा जी की बन्सी बाजे, रंगमहल में ॥ आज तो -------

ले के बधाई मेरी मैया जी आईं, रंग महल में।

मैया जी आईं संग गौरा को लाईं, रंग महल में।

मैया जी का शेरा गरजे, रंगमहल में ॥ आज तो -------

Natwar Nagar Nanda Bhajo Re Man Govinda(Krishna stotra/bhajan.152)Natwar Nagar Nanda Bhajo Re Man Govinda(Krishna stotra/bhajan.152)

Natwar Nagar Nanda Bhajo Re Man Govinda(Krishna stotra/bhajan.152)

https://youtu.be/5ZoApuKN0s0

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नटवर नागर नंदा भजो रे मन


नटवर नागर नंदा, भजो रे मन गोविंदा
शयाम सुंदर मुख चंदा, भजो रे मन गोविंदा
नटवर नागर नंदा...

तूं ही नटवर तूं ही नागर, तूं ही बाल मुकन्दा
भजो रे मन गोविंदा, नटवर नागर नंदा...

सब देवन में कृष्ण बड़े हैं, ज्यों तारा विच चंदा
भजो रे मन गोविंदा, नटवर नागर नंदा...

सब सखियन में राधाजी बड़ी हैं, ज्यों नदियां वींच गंगा
भजो रे मन गोविंदा, नटवर नागर नंदा...

ध्रुव तारे प्रह्लाद उबारे, नरसिंह रूप धरंता
भजो रे मन गोविंदा, नटवर नागर नंदा...

कालीदह में नाग ज्यों नाथों,फण-फण निरत करंता
भजो रे मन गोविंदा, नटवर नागर नंदा...

वृन्दावन में रास रचायो, नाचत बाल मुकन्दा
भजो रे मन गोविंदा, नटवर नागर नंदा...

मीरा के प्रभु गिरधर नागर, काटो जम का फंदा
भजो रे मन गोविंदा, नटवर नागर नंदा...

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https://youtu.be/EQeeLOKGgrg

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Natvar Nagar Nanda English Lyrics

Natvar Nagar Nanda, Bhajo re man govinda.

Sab devon main dev bade hain-5
Shyam bihari nanda, bhajo re man govinda
Natvar Nagar Nanda, Bhajo re man govinda - 6.

Sab sakhion main radha badi hai - 5
Jaise taron main chanda, Bhajo re man govinda.
Natvar Nagar Nanda, Bhajo re man govinda -6.

Sab devon main ram bade hain - 5
Jinke Seete sanga, bhajo re man govinda,
Natvar Nagar Nanda, Bhajo re man govinda - 6
Natvar Nagar Nanda,

 Sab sakhion main seeta badi hai - 5
Jaise taron main chanda, bhajo re man govinda
Natvar Nagar Nanda, Bhajo re man govinda - 6
Natvar Nagar Nanda,

Sab devion main shivji bade hai-5
Jinki jata main ganga, bhajo re man govinda.
Natvar Nagar Nanda, Bhajo re man govinda - 6
Natvar Nagar Nanda,

Sab Devion main goura badi hai - 5
Jaise Taron Main Chanda, bhajo re man govinda.
Natvar Nagar Nanda, Bhajo re man govinda - 6
Natvar Nagar Nanda,

MERE KASTAKO TU MITADE DUNIA BANANE WALE(KRISHNA STOTRA/BHAJAN.151)



MERE KASTAKO TU MITADE DUNIA BANANE WALE(KRISHNA STOTRA/BHAJAN.151)


https://youtu.be/5uL1rGlPVYY

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मेरे कष्ट तू मिटा दे दुनिया बनाने वाले


मेरे कष्ट तू मिटा दे दुनिया बनाने वाले
यह डोर जिंदगी की मेरे श्याम के हवाले

मेरा न और कोई इस जग में आसरा है
मुझको तलाश तेरी नैनो में सांवरा है
दर्शन की आरजू है, गौए चराने वाले
मेरे कष्ट तू मिटा दे...

दुनिया है मेरी वीरान, मझदार में है नैया
आजा ओ माझी बन कर मेरी नाव के खिवईया
साँसों में तुम बसे हो दिल में समाने वाले
मेरे कष्ट तू मिटा दे...

जन्नत में भेज चाहे दोज़क में भेज दे
हम तो तेरे दीवाने इक बार देख ले तू
हम को नहीं है परवाह मुरली बजाने वाले
मेरे कष्ट तू मिटा दे...

कण कण में व्यापत है तू, कहता है यह ज़माना
अब मेरी बारी आयी करते हो क्यों बहाना
मानूगा मैं तो जब ही अपने गले लगाले
मेरे कष्ट तू मिटा दे...
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https://youtu.be/f9jYpzq7C-4



==
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 https://youtu.be/cCOdEWddCAo

LE GAYI RE HAMARE CHITTA CHOR KANEHAIA TERI(Krishna stotra/bhajan.150)

LE GAYI RE HAMARE CHITTA CHOR KANEHAIA TERI(Krishna stotra/bhajan.150)
https://youtu.be/oXsZTXLLnZw

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le gayi re hamaro chitt chot kanhaiya teri baansuriya

ले गयी रे हमरो चितचोर कन्हैया तेरी बंसुरिया  
कन्हैया तेरी बाँसुरिया, कन्हैया तेरी बाँसुरिया

देवी पुजन चली एक दिन ले पूजा को थाल
मंदिर महू पहुंच न पायी मिल्यो नन्द को लाल
गयो निरख नयन की कोर, कन्हैया तेरी बाँसुरिया...

इक दिन प्रात उठी सखी री दही बिलोवन लागी
माखन काढ ना पायी तभी तीस ह्रदय में लागी
बैरन बाज उठी बड़ी भोर, कन्हैया तेरी बाँसुरिया

दही मटुकिया ले इख्लाती चली बेचने गोरी
घोर सांकरी ग्वाल संग ले घेर लई मैं गोरी
दई बरबस मटुकिया फोड़, कन्हैया तेरी बाँसुरिया

पी पी रस अधरन को सौतन भर गयी अधिक गुमान
एक बोल में नखरो भरी खींच लेत है प्राण
कोई चले न निगोड़ी पे जोर, कन्हैया तेरी बाँसुरिया

मोर गरीबन पर अलबेली काहे की रुस्वानी
सुनो सायानी मेरी करुण कहानी
जर जर गयो जीयरा मोर, कन्हैया तेरी बाँसुरिया

मानो बात हमारी लाला मुरली देओ उधार
केसर तिलक चढ़ाये करेंगी पुष्पन सो श्रृंगार
औरु विनती करेंगी कर जोर, कन्हैया तेरी बाँसुरिया...

पाछे भागन वाली बेहना एक विनय सुन लीजे
ऐसो करो उपाय, लाडली मोहन हम पर रीझें
प्रियतम नंदकिशोर, कन्हैया तेरी बाँसुरिया

एक बात सुनले श्यामा तेरे बिन रहे न पाऊ
जब जब बाजे तेरी मुरलिया दौड़ी दौड़ी आऊ
मेरा लगे न कोई जोर श्यामा, कन्हैया तेरी बाँसुरिया

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https://youtu.be/l6gdVjy6J7U


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https://youtu.be/l6HqG5bScmY


MURALI BAJANEWALE GIRIVAR UTHANE WALE(Krishna stotra/bhajan.149)

MURALI BAJANEWALE GIRIVAR UTHANE WALE(Krishna stotra/bhajan.149)

https://youtu.be/vFPKZWPSODI





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मुरली बजाने वाले गिरिवर उठाने वाले


मुरली बजाने वाले, गिरिवर उठाने वाले,
मैं दास हूँ तुम्हारा, मैं दास हूँ तुम्हारा

ढूंढ लिया जग सारा मैंने , दर्श न तेरा पाया
जब मन को एकाग्र किया तो, तू दिल बीच समाया
भवतार करने वाले, बांके बिहारी हमारे,
मैं दास हूँ तुम्हारा...

तेरी माया ने प्रभु मुझको जग में खूभ नचाया
दीनबंधु भवतारण प्रभु जी, नाम तुम्हारा गाया
सर्वत्र रहने वाले, श्री राधा रमन हमारे,
मैं दास हूँ तुम्हारा...

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 https://youtu.be/EhjfLsKRKUw


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https://youtu.be/BLmBpwOVKDk




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Tuesday, November 22, 2016

Main Sham Manana Ni chahe (KRISHNA STOTRA.148)


==== Main Sham Manana Ni chahe (KRISHNA STOTRA.148)

https://youtu.be/-PXRrwEBHTo



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 मैं श्याम मनाना नी चाहे लोग बोलिया बोले


मैं ता श्याम मनाना नी चाहे लोग बोलिया बोले
मैं ता बाज नहीं आना नी, चाहे लोग बोलियां बोले
मैं ता शगन मनाना जी, चाहे लोग बोलियां बोले

सारे मैनू रोगन कहंदे, रोग न मेनू कोई
जद दा मिलेय श्याम प्यारा मैं ता रोगन होई
एह ता रोग पुराना जी, चाहे लोग बोलियां बोले...

लाख रोकन दी कोशिश करदे ने मेरे घरवाले
प्रीतां कैद न होयियाँ भावें लाख लगालो ताले
ताले तोडके आना जी, चाहे लोग बोलियां बोले...

छड सारे मैं रिश्ते आईआं श्यामा तैनू मनावन
टब्बर सारा छडीयाइ श्यामा तैनू रंग लगावन
तेरे रंग रंग जाना जी, चाहे लोग बोलियां बोले...
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https://youtu.be/SasmNOpqTzo

Koi Pakad Ke Mera Hath Re, .(Krishna stotra/bhajan147)




Koi Pakad Ke Mera Hath Re, Mohe Varindavan..(Krishna stotra/bhajan147)

..https://youtu.be/LhlM64ZY8OQ

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कोई पकड़ के मेरा हाथ रे मोहे वृन्दावन पहुंच देओ


कोई पकड़ के मेरा हाथ रे,
मोहे वृन्दावन पहुंच देओ ।

वृन्दावन का एक ग्वाला,
मन मोहन मेरा मुरली वाला ।
मैंने जाना उसके पास रे,
मोहे वृन्दावन पहुंच देओ...

वृन्दावन में कृष्ण कन्हैया,
बलदाऊ के छोटे भैया ।
मेरी डोरी उनके हाथ रे,
मोहे वृन्दावन पहुंच देओ...

वृन्दावन मेरो धाम रंगीला,
बरसाना मेरा बड़ा ही रसीला ।
मेरी जाग गए हैं भाग्य रे,
मोहे वृन्दावन पहुंच देओ...

वृन्दावन में बांके बिहारी
बांके बिहारी जय हो तिहारी
मेरा जनम जनम का साथ रे
मोहे वृन्दावन पहुंच देओ...
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https://youtu.be/lUufpka3Wp0

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Sunday, November 20, 2016

मृतसञ्जीवन स्तोत्रम् (Mritasanjeevani Stotram)(SIVA STOTRA.73)





मृतसञ्जीवन स्तोत्रम् (Mritasanjeevani Stotram) (Siva stotra.73)

https://youtu.be/CnmpAtfDE-E




मृतसञ्जीवन स्तोत्रम्
Mritasanjeevani Stotram

एवमारध्य गौरीशं देवं मृत्युञ्जयमेश्वरं ।मृतसञ्जीवनं नाम्ना कवचं प्रजपेत् सदा ॥१॥

evamaradhy gaurishan devan mrityungjayameshvaran ।
mritasangjivanan namna kavachan prajapet sada ॥

गौरीपति मृत्युञ्जयेश्र्वर भगवान् शंकरकी विधिपूर्वक आराधना करनेके पश्र्चात भक्तको सदा मृतसञ्जीवन नामक कवचका सुस्पष्ट पाठ करना चाहिये ॥१॥

सारात् सारतरं पुण्यं गुह्याद्गुह्यतरं शुभं । महादेवस्य कवचं मृतसञ्जीवनामकं ॥ २॥

sarat sarataran punyan guhyadguhyataran shubhan ।
mahadevasy kavachan mritasangjivanamakan ॥

महादेव भगवान् शङ्करका यह मृतसञ्जीवन नामक कवचका तत्त्वका भी तत्त्व है, पुण्यप्रद है गुह्य और मङ्गल प्रदान करनेवाला है ॥२॥


समाहितमना भूत्वा शृणुष्व कवचं शुभं । शृत्वैतद्दिव्य कवचं रहस्यं कुरु सर्वदा ॥३॥

samahitamana bhootva shrinushv kavachan shubhan ।
shritvaitaddivy kavachan rahasyan kuru sarvada ॥

[आचार्य शिष्यको उपदेश करते हैं कि – हे वत्स! ] अपने मनको एकाग्र करके इस मृतसञ्जीवन कवचको सुनो । यह परम कल्याणकारी दिव्य कवच है । इसकी गोपनीयता सदा बनाये रखना ॥३॥


वराभयकरो यज्वा सर्वदेवनिषेवितः । मृत्युञ्जयो महादेवः प्राच्यां मां पातु सर्वदा ॥४॥

varabhayakaro yajva sarvadevanishevitah ।
mrityungjayo mahadevah prachyan man patu sarvada ॥

जरासे अभय करनेवाले, निरन्तर यज्ञ करनेवाले, सभी देवतओंसे आराधित हे मृत्युञ्जय महादेव ! आप पर्व-दिशामें मेरी सदा रक्षा करें ॥४॥


दधाअनः शक्तिमभयां त्रिमुखं षड्भुजः प्रभुः ।सदाशिवोऽग्निरूपी मामाग्नेय्यां पातु सर्वदा ॥५॥

dadhaanah shaktimabhayan trimukhan shadbhujah prabhuh ।
sadashivo-a-gniroopi mamagneyyan patu sarvada ॥

अभय प्रदान करनेवाली शक्तिको धारण करनेवाले, तीन मुखोंवाले तथा छ: भुजओंवाले, अग्रिरूपी प्रभु सदाशिव अग्रिकोणमें मेरी सदा रक्षा करें ॥५॥

अष्टदसभुजोपेतो दण्डाभयकरो विभुः । यमरूपि महादेवो दक्षिणस्यां सदावतु ॥६॥

ashtadasabhujopeto dandabhayakaro vibhuh ।
yamaroopi mahadevo dakshinnasyan sadavatu ॥

अट्ठारह भुजाओंसे युक्त, हाथमें दण्ड और अभयमुद्रा धारण करनेवाले, सर्वत्र व्याप्त यमरुपी महादेव शिव दक्षिण-दिशामें मेरी सदा रक्षा करें ॥६॥

खड्गाभयकरो धीरो रक्षोगणनिषेवितः । रक्षोरूपी महेशो मां नैरृत्यां सर्वदावतु ॥७॥

khadgabhayakaro dhiro rakshogannanishevitah ।
rakshoroopi mahesho man nairrityan sarvadavatu ॥

हाथमें खड्ग और अभयमुद्रा धारण करनेवाले, धैर्यशाली, दैत्यगणोंसे आराधित रक्षोरुपी महेश नैर्ऋत्यकोणमें मेरी सदा रक्षा करें ॥७॥

पाशाभयभुजः सर्वरत्नाकरनिषेवितः । वरुणात्मा महादेवः पश्चिमे मां सदावतु ॥८॥

pashabhayabhujah sarvaratnakaranishevitah ।
varunatma mahadevah pashchime man sadavatu ॥

हाथमें अभयमुद्रा और पाश धाराण करनेवाले, शभी रत्नाकरोंसे सेवित, वरुणस्वरूप महादेव भगवान् शंकर पश्चिम- दिशामें मेरी सदा रक्षा करें ॥८॥


गदाभयकरः प्राणनायकः सर्वदागतिः । वायव्यां मारुतात्मा मां शङ्करः पातु सर्वदा ॥९॥

gadabhayakarah prannanayakah sarvadagatih ।
vayavyan marutatma man shangkarah patu sarvada ॥

हाथोंमें गदा और अभयमुद्रा धारण करनेवाले, प्राणोमके रक्षाक, सर्वदा गतिशील वायुस्वरूप शंकरजी वायव्यकोणमें मेरी सदा रक्षा करें ॥९॥

शङ्खाभयकरस्थो मां नायकः परमेश्वरः । सर्वात्मान्तरदिग्भागे पातु मां शङ्करः प्रभुः ॥१०॥

shangkhabhayakarastho man nayakah parameshvarah ।
sarvatmantaradigbhage patu man shangkarah prabhuh ॥

हाथोंमें शंख और अभयमुद्रा धारण करनेवाले नायक (सर्वमार्गद्रष्टा) सर्वात्मा सर्वव्यापक परमेश्वर भगवान् शिव समस्त दिशाओंके मध्यमें मेरी रक्षा करें ॥१०॥

शूलाभयकरः सर्वविद्यानमधिनायकः । ईशानात्मा तथैशान्यां पातु मां परमेश्वरः ॥११॥

shoolabhayakarah sarvavidyanamadhinayakah ।
eeshanatma tathaishanyan patu man parameshvarah ॥

हाथोंमें शंख और अभयमुद्रा धारण करनेवाले, सभी विद्याओंके स्वामी, ईशानस्वरूप भगवान् परमेश्व शिव ईशानकोणमें मेरी रक्षा करें ॥११॥

ऊर्ध्वभागे ब्रःमरूपी विश्वात्माऽधः सदावतु । शिरो मे शङ्करः पातु ललाटं चन्द्रशेखरः॥१२॥

oordhvabhage brahmaroopi vishvatma-a-dhah sadavatu ।
shiro me shangkarah patu lalatan chandrashekharah ॥

ब्रह्मरूपी शिव मेरी ऊर्ध्वभागमें तथा विश्वात्मस्वरूप शिव अधोभागमें मेरी सदा रक्षा करें । शंकर मेरे सिरकी और चन्द्रशेखर मेरे ललाटकी रक्षा करें ॥१२॥

भूमध्यं सर्वलोकेशस्त्रिणेत्रो लोचनेऽवतु । भ्रूयुग्मं गिरिशः पातु कर्णौ पातु महेश्वरः ॥१३॥

bhoomadhyan sarvalokeshastrinetro lochane-a-vatu ।
bhrooyugman girishah patu karnau patu maheshvarah ॥

मेरे भौंहोंके मध्यमें सर्वलोकेश और दोनों नेत्रोंकी त्रिनेत्र भगवान् शंकर रक्षा करें, दोनों भौंहोंकी रक्षा गिरिश एवं दोनों कानोंको रक्षा भगवान् महेश्वर करें ॥१३॥

नासिकां मे महादेव ओष्ठौ पातु वृषध्वजः । जिह्वां मे दक्षिणामूर्तिर्दन्तान्मे गिरिशोऽवतु ॥१४॥

nasikan me mahadev oshthau patu vrishadhvajah ।
jihvan me dakshinamoortirdantanme girisho-a-vatu ॥

महादेव मेरी नासीकाकी तथा वृषभध्वज मेरे दोनों ओठोंकी सदा रक्षा करें । दक्षिणामूर्ति मेरी जिह्वाकी तथा गिरिश मेरे दाँतोंकी रक्षा करें ॥१४॥


मृतुय्ञ्जयो मुखं पातु कण्ठं मे नागभूषणः । पिनाकि मत्करौ पातु त्रिशूलि हृदयं मम ॥१५॥

mrituyngjayo mukhan patu kanthan me nagabhooshannah ।
pinaki matkarau patu trishooli hridayan mam ॥

मृत्युञ्जय मेरे मुखकी एवं नागभूषण भगवान् शिव मेरे कण्ठकी रक्षा करें । पिनाकी मेरे दोनों हाथोंकी तथा त्रिशूली मेरे हृदयकी रक्षा करें ॥१५॥


पञ्चवक्त्रः स्तनौ पातु उदरं जगदीश्वरः । नाभिं पातु विरूपाक्षः पार्श्वौ मे पार्वतीपतिः ॥१६॥

pangchavaktrah stanau patu udaran jagadishvarah ।
nabhin patu viroopakshah parshvau me parvatipatih ॥

पञ्चवक्त्र मेरे दोनों स्तनोकी और जगदीश्वर मेरे उदरकी रक्षा करें । विरूपाक्ष नाभिकी और पार्वतीपति पार्श्वभागकी रक्षा करें ॥१६॥

कटद्वयं गिरीशौ मे पृष्ठं मे प्रमथाधिपः । गुह्यं महेश्वरः पातु ममोरू पातु भैरवः ॥१७॥

katadvayan girishau me prishthan me pramathadhipah ।
guhyan maheshvarah patu mamoroo patu bhairavah ॥

गिरीश मेरे दोनों कटिभागकी तथा प्रमथाधिप पृष्टभागकी रक्षा करें । महेश्वर मेरे गुह्यभागकी और भैरव मेरे दोनों ऊरुओंकी रक्षा करें ॥१७॥

जानुनी मे जगद्दर्ता जङ्घे मे जगदम्बिका । पादौ मे सततं पातु लोकवन्द्यः सदाशिवः ॥१८॥

januni me jagaddarta jangghe me jagadambika ।
padau me satatan patu lokavandyah sadashivah ॥

जगद्धर्ता मेरे दोनों घुटनोंकी, जगदम्बिका मेरे दोनों जंघोकी तथा लोकवन्दनीय सदाशिव निरन्तर मेरे दोनों पैरोंकी रक्षा करें ॥१८॥

गिरिशः पातु मे भार्यां भवः पातु सुतान्मम । मृत्युञ्जयो ममायुष्यं चित्तं मे गणनायकः ॥१९॥

girishah patu me bharyan bhavah patu sutanmam ।
mrityungjayo mamayushyan chittan me gannanayakah ॥

गिरीश मेरी भार्याकी रक्षा करें तथा भव मेरे पुत्रोंकी रक्षा करें । मृत्युञ्जय मेरे आयुकी गणनायक मेरे चित्तकी रक्षा करें ॥१९॥

सर्वाङ्गं मे सदा पातु कालकालः सदाशिवः । एतत्ते कवचं पुण्यं देवतानां च दुर्लभम् ॥२०॥

sarvanggan me sada patu kalakalah sadashivah ।
etatte kavachan punyan devatanan ch durlabham ॥

कालोंके काल सदाशिव मेरे सभी अंगोकी रक्षा करें । [ हे वत्स ! ] देवताओंके लिये भी दुर्लभ इस पवित्र कवचका वर्णन मैंने तुमसे किया है ॥२०॥

मृतसञ्जीवनं नाम्ना महादेवेन कीर्तितम् । सह्स्रावर्तनं चास्य पुरश्चरणमीरितम् ॥२१॥

mritasangjivanan namna mahadeven keertitam ।
sahsravartanan chasy purashcharannamiritam ॥

महादेवजीने मृतसञ्जीवन नामक इस कवचको कहा है । इस कवचकी सहस्त्र आवृत्तिको पुरश्चरण कहा गया है ॥२१॥

यः पठेच्छृणुयान्नित्यं श्रावयेत्सु समाहितः । सकालमृत्युं निर्जित्य सदायुष्यं समश्नुते ॥२२॥

yah pathechchhrinuyannityan shravayetsu samahitah ।
sakalamrityun nirjity sadayushyan samashnute ॥

जो अपने मनको एकाग्र करके नित्य इसका पाठ करता है, सुनता अथावा दूसरोंको सुनाता है, वह अकाल मृत्युको जीतकर पूर्ण आयुका उपयोग करता है ॥ २२॥

हस्तेन वा यदा स्पृष्ट्वा मृतं सञ्जीवयत्यसौ । आधयोव्याध्यस्तस्य न भवन्ति कदाचन ॥२३॥

hasten va yada sprishtva mritan sangjivayatyasau ।
aadhayovyadhyastasy n bhavanti kadachan ॥

जो व्यक्ति अपने हाथसे मरणासन्न व्यक्तिके शरीसका स्पर्श करते हुए इस मृतसञ्जीवन कवचका पाठ करता है, उस आसन्नमृत्यु प्राणीके भीतर चेतनता आ जाती है । फिर उसे कभी आधि-व्याधि नहीं होतीं ॥२३॥

कालमृयुमपि प्राप्तमसौ जयति सर्वदा । अणिमादिगुणैश्वर्यं लभते मानवोत्तमः ॥२४॥

kalamriyumapi praptamasau jayati sarvada ।
animadigunaishvaryan labhate manavottamah ॥

यह मृतसञ्जीवन कवच कालके गालमें गये हुए व्यक्तिको भी जीवन प्रदान कर ‍देता है और वह मानवोत्तम अणिमा आदि गुणोंसे युक्त ऐश्वर्यको प्राप्त करता है ॥२४॥


युद्दारम्भे पठित्वेदमष्टाविशतिवारकं । युद्दमध्ये स्थितः शत्रुः सद्यः सर्वैर्न दृश्यते ॥२५॥

yuddarambhe pathitvedamashtavishativarakan ।
yuddamadhye sthitah shatruh sadyah sarvairn drishyate ॥

युद्ध आरम्भ होनेके पूर्व जो इस मृतसञ्जीवन कवचका २८ बार पाठ करके रणभूमिमें उपस्थित होता है, वह उस समय सभी शत्रुऔंसे अदृश्य रहता है ॥२५॥


न ब्रह्मादीनि चास्त्राणि क्षयं कुर्वन्ति तस्य वै । विजयं लभते देवयुद्दमध्येऽपि सर्वदा ॥२६॥

n brahmadini chastrani kshayan kurvanti tasy vai ।
vijayan labhate devayuddamadhye-a-pi sarvada ॥

यदि देवतऔंके भी साथ युद्ध छिड जाय तो उसमें उसका विनाश ब्रह्मास्त्र भी नही कर सकते, वह विजय प्राप्त करता है ॥२६॥

प्रातरूत्थाय सततं यः पठेत्कवचं शुभं । अक्षय्यं लभते सौख्यमिह लोके परत्र च ॥२७॥

pratarootthay satatan yah pathetkavachan shubhan ।
akshayyan labhate saukhyamih loke paratr ch ॥

जो प्रात:काल उठकर इस कल्याणकारी कवच सदा पाठ करता है, उसे इस लोक तथा परलोकमें भी अक्षय्य सुख प्राप्त होता है ॥२७॥

सर्वव्याधिविनिर्मृक्तः सर्वरोगविवर्जितः । अजरामरणो भूत्वा सदा षोडशवार्षिकः ॥२८॥

sarvavyadhivinirmriktah sarvarogavivarjitah ।
ajaramarano bhootva sada shodashavarshikah ॥

वह सम्पूर्ण व्याधियोंसे मुक्त हो जाता है, सब प्रकारके रोग उसके शरीरसे भाग जाते हैं । वह अजर-अमर होकर सदाके लिये सोलह वर्षवाला व्यक्ति बन जाता है ॥२८॥


विचरव्यखिलान् लोकान् प्राप्य भोगांश्च दुर्लभान् । तस्मादिदं महागोप्यं कवचम् समुदाहृतम् ॥२९॥

vicharavyakhilan lokan prapy bhoganshch durlabhan ।
tasmadidan mahagopyan kavacham samudahritam ॥

इस लोकमें दुर्लभ भोगोंको प्राप्त कर सम्पूर्ण लोकोंमें विचरण करता रहता है । इसलिये इस महागोपनीय कवचको मृतसञ्जीवन नामसे कहा है ॥२९॥

मृतसञ्जीवनं नाम्ना देवतैरपि दुर्लभम् ॥३०॥

mritasangjivanan namna devatairapi durlabham ॥

 यह देवतओंके लिय भी दुर्लभ है ॥३०॥

  ॥ इति वसिष्ठ कृत मृतसञ्जीवन स्तोत्रम् ॥

  ॥ iti vasishth krit mritasangjivan stotram ॥

॥ इस प्रकार मृतसञ्जीवन कवच सम्पूर्ण हुआ ॥

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https://youtu.be/LWLQzJ92ZY4



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Mrita sanjeevana  kavacham

(The armour of raising from death)

 

Translated by

P.R.Ramachander

 

(This remarkable and very powerful armour is supposed to help prevent untimely death. It is some times referred as Mruta Sanjeevani stotram.

 

 

1.Yevam aaradhya  gowreesam  devam Mrityunjeswaram,

Mrita sanjeevanam  namanaa kavacham  prajapeth  sadaa.

 

Thus after worshipping the Lord of Gowri  , who is the God  who won over death,

Always propagate the knowledge   of the armour called victory over death.

 

2. Sarath saratharam punyam  , Guyath , guhyatharam Shubham,

Mahadevasya  kavacham mrityu sanjeevanabhidham

 

Holy essence of essences  and auspicious secret of secrets,

Is the armour of Lord Shiva   which  is like a medicine for death.

 

3.Samahitha manaa bhoothwaa srunushwa  kavacham shubham,

Sruthwaidad  divya kavacham  rahasyam kuru sarvadaa.

 

Make others   hear the  auspicious  armour  with a disciplined mind,

Or hear  the  holy armour  but keep it as secret  always.

 

4.Varaabhayakaro yajwaa  sarva deva nishevitha,

Mrutyunjayo maha deva  prachyam maam pathu sarvadhaa.

 

Let the great God Mrityunjaya  , who is honoured by all devas,

And who shows his hands as  blessing and protection guard  my east side always.

 

5.Dadhaana Shakthim abhayaam  trimukha  Shad buja  Prabhu,

Sada shivo agni roopi  maam  Aagneyaam  pathu sarvadhaa.

 

Giving power  and protection and having  three faces and six hands,

Let the Sadhashiva with the form of fire protect my south east.

 

6.Ashtadasa bhujo petho Dandaa bhayakaro Vibhu,

Yama roopi Mahadevo Dakshinasyaam  sadavathu.

 

Let the great God  having the form of God of death,

And having  eighteen hands  along  with a  fearful form protect my south.

 

7.Bangaa bhayakaro  dheero  raksho gana nishevitha,

Raksho roopi  Maheso  maam nairythyam  sarvadavathu.

 

Let the fearful one with unkempt form , who is courageous,

Who is interested in protecting his Ganas, who has the form of protection,

And who is the great god always protect my  South west.

 

8.Pasa bhaya bhuja  sarva rathnakara nishevitha ,

Varunathmaa Mahadeva  , paschime  maam sadavathu.

 

Let  my west be always  be protected by the great God having the  form of Varuna,

Who  has goad and protection in his hand  and who is served by people having  all type of gems.

 

9.Gadha  bhaya kara  Prana nayaka  sarvadhaa gathi ,

Vayavyaam maruthathma  maam Sankara pathu sarvadhaa.

 

Let Lord Shankara  who is having  the spirit of the wind,

Who is fearful , holding the mace , who is the Lord of the soul,

And who is the protection  at all times  protect my  north west.

 

10.Sankhabhayakara hastho  maam nayaka Parameshwara ,

Sarvathmaa anthara dig  bhage  pathu maam Sankara Prabhu.,

 

Let Lord Sankara  holding  the conch and showing protection,

And  who is my Lord Parameswara , protect me,

In  the inside of  all my   souls .

 

11.Soolabhayakara  sarva  vidhyaanam  adhi nayaka,

Eesanathma  thadai eesanyam  pathu maam parameswara.

 

Let the Parmeswara holding the fearful trident ,

Who is the great  God  of  all knowledge ,

Who is the soul of Eesanya protect my North east.

 

12.Oordhwabhage Brahma roopi , viswathma adha sadaavathu,

Siro may  Sankara pathu  lalatam chandra shekara.

 

Let God with the form of Brahma  protect my above part,

Let the God of the universe protect my below part,

Lat Sankara protect my head  and Chandra Shekara my forehead.

 

13.Broomadhyam SArva lokesa, trinethro lochane aavathu,

Broo yugmam giresa  pathu , karnou  pathu Maheswara.

 

Let the God of all the worlds protect  the middle of eyebrows,

Let my eyes be protected by God with three eyes.

Let my two eye brows  be protected by Lord of the mountain,

Let Maheswara  protect my ears.

 

14.Nasike may Mahadeva , oshtou pathu vrushadwaja,

Jihwaam  may Dakshinamurthir dandhaan may Gireeso aavahu.

 

Let Mahadeva protect my nose,

Let the God with bull in his flag protect my lips,

Let my toungue be protected  by Dakshinamurthy,

And let  my teeth be protected  by the Lord of the mountain.

 

15.Mruthyunjayo Mukham pathu , Kandam may Naga bhooshana,

Pinaki math karou pathu, Trisooli Hrudayam mama.

 

Let the winner over death  protect my mouth,

Let the one decorates himself with serpent protect my neck,

Let the God holding Pinaki bow protect my hand,

And the one with trident  protect my heart.

 

16.Pancha vakthra sthanou pathu udaram Jagadheeswara,

Nabhim pathu virooopaksha, parsou may Parvathi pathi.

 

Let my breasts be protected by the five headed one,

Let the Lord of the universe  protect my stomach,

Let my navel be protected  by Viroopaksha,

Let my nearby areas be protected  by consort of Parvathi.

 

17.Kati dwayam  Gireeso , may prushtam  may Pramadadhipa,

Guhyam maheswara  patho mama ooru pathu Bhairava..

 

Let  both my waists be protected by lord of the mountain,

Let my back side be protected by the lord of Pramadhas,

Let Maheswara protect my private parts ,

And let Bhairava  protect my knees.

 

18.Jahnuni may Jagad hartha , jange may Jagadambika,

Padou may sathatham pathu loka vandhya sada shiva.

 

Let my thighs  be protected by the punisher of the world,

Let my shanks be protected  by the Goddess of the world,

Let my feet be always protected  by Sada shiva whom the world salutes.

 

19.Gireesa pathu may Bharyaam , Bhava pathu suthaan mama,

Mruthyunjayo  mamayushyam  chitham may Gana Nayaka.

 

Let my wife be protected  by the Lord of the mountain,

Let  the great one protect my sons,

Let the winner over death  protect my life ,

And let  the lord of the Ganas  protect my mind.

 

20.Sarvangam may sada ppathu Kalakala Sada shiva,

Yethath kavacham  punyam  devathaanaam cha durlabham.

 

Let all the parts of  my body be always  protected by Sadashiva, who killed God of death,

This is the  holy armour which is not easily available to the devas.

 

21.Mrutha sanjevanam namnam  Mahadevena  keerthitham,

Sahasravarthanam  cha asya  purascaharameeritham,.

 

This armour of God Shiva , which is called that which is the medicine for death,

If read  one thousand times  would be preparatory  step to  go to the sea of his.

 

22. Ya padeth srunuyannithyam,

Sravayeth  su samahitha,

 Sa kala mruthyum  nirjithya,

Sada ayushyam  samassathe.

 

If this  is read or heard daily,

Or explained properly to others,

It Would , after avoiding untimely death,

Make his life equal to hundred.

 

23.Hasthena vaa yadhaa sprutwaa mrutham  sanjeevayasou ,

AAdhyo Vyadhyasthasya  ne bhavanthi kadhachana.

 

If by taking in the hand Mruthasanjeevini  Kavacha,

A  sick one  is touched, that  sickness will not occur again.

 

24. Kalamruthyumapi prapthamasou  jayathi sarvadhaa,

Animadhi gunaiswaryam  labhathe manovothama.

 

The great   human being  would always win over untimely death ,

And he would also get the eight occult powers like anima.

 

25.Yudharambhe padithwedha  ashta vimsathi  varakam,

Yudha madhye  sthitha sathru  sadhya  sarvair na drusyathe.

 

If this is read twenty eight times  before the war  by the resister,

Then the enemy who are placed in the middle of the war  would vanish.

 

26.Na brahmadhini Chasthrani ,

Kshayam kurvanthi thasya vai,

Vijayam labhathedheva,

Yudha madhye api sarvadhaa.

 

Not  even the arrows of Brahma ,

Could  even make him  weak,

And he would get victory ,

Even in the middle of war always.

 

27.Pratharuthaya  sathatham  ya padeth kavacham shubham,

Akshayyam labhathe  soukhyam iha loke  prathra cha.

 

He who reads this holy armour daily as soon as  he wakes up in the morning,

Without any limit he would get happiness in this world and in the other.

 

28.Sarva vyadhi vinirmuktha,

Sarva  roga vivarjitha,

Ajaramarano bhoothwa,

Sadaa Shodasa varshika.

 

He would get freedom  from all diseases,

And all diseases would keep away from him

And  he would be free  from decay and diseases,

And would always look as if he is sixteen years.

 

29.Vicharathyakhilaan lokaan,

Prapya  bhogamscha durlabhaan,

Thasmad idham  gopyam,

Kavacham samudhahrutham.

 

Staying it  in this world, it  helps you

In  attaining unattainable pleasures

And so this is held   as  a very  great secret,

And so this  armour is being talked about.

 

30. Mruthyu sanjeevanam  naamna  devairabhi durlabham

 

This armour  of making the dead alive is  difficult to get even by the devas.

 

     Ithi Sri Vasishta praneetham Mrutha sanjeevani kavacham  SAmpoornam

     Thus ends the Mrutha Sanjeevani armour composed  by Sage Vasishta.